किशनगंज,22नवंबर (Udaipur Kiran) । सर्दियों की शुरुआत के साथ ही बच्चों और बुजुर्गों में बुखार, खासकर मियादी बुखार या टाइफाइड के मामले बढ़ सकते हैं। शुक्रवार को सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने कहा कि मियादी बुखार दूषित पानी और भोजन से फैलता है, जिससे साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु शरीर में प्रवेश करता है। यह किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह अधिक हानिकारक हो सकता है। बुखार जैसे लक्षणों के प्रति समय पर सजग होकर, समय से उपचार कर इस संक्रमण को गंभीर होने से बचाया जा सकता है।
डा. राजेश कुमार बताते हैं कि मियादी बुखार के लक्षण कोरोना संक्रमण जैसे हो सकते हैं। इसमें लगातार तेज बुखार (103-104 डिग्री), कमजोरी, पेट और सिर दर्द, भूख में कमी, त्वचा पर चकत्ते या गुलाबी धब्बे शामिल हैं। लक्षण दिखने पर बुखार एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक रह सकता है। इस बीमारी में लापरवाही से मरीज को बेहोशी भी हो सकती है, जो बच्चों के लिए विशेष रूप से घातक साबित हो सकता है। ऐसे में समय रहते चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें।
उन्होंने कहा कि मियादी बुखार दूषित पानी और खाद्य पदार्थों के सेवन से होता है। इससे बचाव के लिए आस-पास की सफाई पर ध्यान दें और खाने-पीने का सामान ढक कर रखें। बिना ढका या दूषित भोजन न खाएं और मियादी बुखार से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें। यह संक्रमण गंदगी और दूषित जल के जमाव से फैल सकता है, इसलिए स्वच्छता बनाए रखना आवश्यक है। स्वस्थ जीवन के लिए शुद्ध पेयजल और पौष्टिक आहार आवश्यक हैं। कोरोना महामारी के बाद यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि संतुलित आहार से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
डाॅ. कुमार सलाह देते हैं कि बच्चों के भोजन में हरी सब्जियां, मौसमी फल, दूध और डेयरी उत्पाद, अंडा, मांस, मछली, और अंकुरित अनाज को शामिल करें। इसके अलावा, विटामिन-सी युक्त खट्टे फल जैसे नींबू और संतरा का सेवन भी करें। मियादी बुखार में शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए शुद्ध पेयजल, नारियल पानी, और नींबू पानी जैसे प्राकृतिक पेय पदार्थों का नियमित सेवन करें।
(Udaipur Kiran) / धर्मेन्द्र सिंह