पटना, 22 नवम्बर (Udaipur Kiran) । बिहार में वैशाली जिले के बिदुपुर प्रखंड स्थित चकसिकंदर के राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय में आज सिनर्जी सम्मिट ब्रिजिंग एकेडमीया एंड इंडस्ट्री का आयोजन उद्योग-संस्थान के बीच पारस्परिक सहयोग स्थापित किए जाने के उद्देश्य से किया गया। इस मौके पर विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा कि राज्य के सात निश्चय के तहत सभी इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों में नियमित शिक्षा के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली के अनुसार डिपार्टमेंटल लैबोरेट्रीज तथा छात्र-छात्राओं में संवाद-दक्षता के लिए उच्च कोटि का लैंग्वेज-लैब स्थापित किया गया है।
सुमीत सिंह ने कहा कि उद्योग के मांग के अनुसार नए-नए पाठ्यक्रम एवं सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है। सभी संस्थाओं में उद्यमिता के लिए स्टार्टअप सेल आदि स्थापित की गई है। संस्थाओं में इंस्टीट्यूशन डेवलपमेंट सोसाइटी की स्थापना की गई है, जिसमें उद्योग के प्रतिनिधियों को भी सम्मिलित किया गया है ताकि संस्थान के विकास में मंतव्य प्राप्त किया जा सके।
मंत्री सुमीत सिंह ने कहा कि राज्य की नीतीश सरकार के द्वारा कंसल्टेंसी पॉलिसी भी लागू की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य उद्योगों को टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशन प्रदान किया जाना है। साथ ही उनकी आवश्यकता के अनुरूप ऐप्स इत्यादि विकसित किया जाना है। संस्थान एवं उद्योग एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों के सहभागिता से ही राज्य का विकास संभव है। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य यह है कि हम दोनों एक-दूसरे के आवश्यकता को समझें और उसे पूरा करें।
मौके पर विभाग की सचिव डॉ प्रतिमा ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत रूप से पीपीटी के माध्यम से उद्योग जगत को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि बिहार के 38 जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित है जो अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के मानक को पूरा करता है। उद्योग जगत को यह बताया गया कि राज्य सरकार के द्वारा ऐसे सभी प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके फलस्वरुप छात्र-छात्राओं को उद्योग जगत के मांग के अनुसार तकनीकी रूप से दक्ष किया जा सके।
इस अवसर पर बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केसरी तथा बिहार चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल के द्वारा छात्र-छात्राओं को उद्योग मांग के अनुरूप तकनीकी रूप से दक्ष बनाए जाने के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए गए। उपस्थित सभी उद्योग प्रतिनिधियों के द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि छात्र-छात्राओं को इंटर्नशिप तथा रोजगार का अवसर उद्योग में प्राप्त कराया जाएगा एवं संस्थाओं के साथ प्रभावकारी समन्वय भी स्थापित किया जाएगा ताकि एक-दूसरे से लाभान्वित हो सकेंI
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी