CRIME

सीबीआई के शिकंजे में नारकोटिक्स का निरीक्षक, तीन लाख की रिश्वत में किया गिरफ्तार

चित्तौड़गढ़ के नारकोटिक्स निरीक्षक को सीबीआई की टीम ने पकड़ा, जिसे कोर्ट में पेश किया।

चित्तौड़गढ़, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । नारकोटिक्स विभाग में रिश्वत का खुला खेल एक बार फिर सामने आया गया, जब विभाग के एक निरीक्षक पर कार्यवाही करते हुए सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) की टीम ने एक बड़ी कार्यवाही को अंजाम देते हुए तीन लाख की रिश्वत के मामले में नारकोटिक्स चित्तौड़गढ़ के निरीक्षक व भीलवाड़ा के एक बिचौलिये को रंगे हाथों दबोच लिया। सीबीआई की टीम लगातार दो दिन से चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा में डेरा डाले रही और आखिर नशीली दवाओं के मामले को रफा-दफा करने के एवज में मांगी गई रिश्वत के मामले का खुलासा हो गया है। इस संबंध में प्रार्थी ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दिनों एक ब्रांड की दवाई जो अफीम का नशा छुड़ाने के काम आती है। जानकारी के अनुसार वेनेलॉइड (Venelloid) कम्पनी की दवा एन एडब्रोक ए (N Adbrock N) नामक दवा की अतिरिक्त खेप सरकार ने पकड़ी थी और इस संबंध में कंपनी से पूछताछ की गई थी। इस मामले की जांच नारकोटिक्स निरीक्षक आदर्श योगी कर रहे थे। जांच के दौरान जानकारी मांगने पर दवा बनाने वाली कंपनी की ओर से नियमानुसार बिल आदि प्रस्तुत कर दिये गये लेकिन इस मामले में दबाव बनाते हुए निरीक्षक आदर्श योगी ने कई पत्रावलियों की मांग की और दवा कम्पनी एवं वितरकों से दो साल पुराने बिल सहित अन्य रिकॉर्ड मांगा और रूपया लेने के लिए परेशान करने लगा।

नशा छुड़ाने की दवाओं में सरकार देती है कच्चा माल

जानकारी में आया कि किसी भी तरह का नशा छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति केन्द्रों पर नशे की दवाएं काम आती है। कुछ कम्पनियां इसके लिए निर्धारित है जो सरकार के निर्देशों पर दवा बनाने का काम करती है। इन्हें सरकार ही कच्चा माल मुहैया कराती है और निर्धारित मात्रा में ही सरकार के नियमों के अनुसार दवाएं बनती है।

शिकायत मिलते ही एक्टिव हुई टीम

जानकारी के अनुसार वेनेलॉइड कम्पनी की निर्धारित मात्रा से कुछ अधिक दवाएं बरामद हुई थी। कंपनी के मालिक श्रवण चौधरी ने इन दवाओं के बिल आदि प्रस्तुत कर दिये थे और मामले की जांच चित्तौड़गढ़ में तैनात नारकोटिक्स निरीक्षक आदर्श योगी कर रहे थे।

प्रार्थी ने सीबीआई से सम्पर्क, हाथों-हाथ टीम ने की कार्रवाई

लगातार दबाव बनते देख दवा वितरक प्रार्थी ने सीबीआई जयपुर के कार्यालय में फाेन लगाया। रविवार होने के कारण सम्पर्क नहीं हुआ। लेकिन सोमवार को सीबीआई जयपुर मुख्यालय पर उसने पूरी सूचना दे दी। सूचना की प्रमाणिकता जांच कर सीबीआई का दल सोमवार को ही भीलवाड़ा पहुंच गया और प्रार्थी से सम्पर्क कर पूरी जानकारी ली। इसकेे बाद में सीबीआई के कहे अनुसार उसने निरीक्षक आदर्श योगी को फोन लगाया तो आदर्श योगी ने मामले को रफा-दफा करने के लिए 20 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। इस दौरान निरीक्षक आदर्श योगी ने बुधवार को इन्दिरा स्टेडियम के सामने स्थित आईडीबीआई बैंक के बाहर प्रार्थी को बुलाया। इधर, सीबीआई टीम ने उसे कैमरे और अन्य उपकरण लगा कर भेजा और बातचीत की। आदर्श योगी पहले तो 20 लाख रुपए पर अड़ा हुआ रहा। काफी मिन्नतों के बाद सौदा आठ लाख में तय हुआ जिस पर प्रार्थी ने तीन लाख रुपए हाथों-हाथ देने की पेशकश की। इस दौरान सीबीआई टीम भी आस-पास नजर बनाए रही। इस दौरान निरीक्षक ने रुपए लेने से मना कर दिया और कहा कि अफीम पट्‌टे बांटे जा रहे है। इसलिए मैं रूपया यहां नहीं ले सकता। तुम्हें बताऊंगा वहां पर रिश्वत की राशि दे देना।

भीलवाड़ा में दलाल को दिए नम्बर, फोन पर साधा सम्पर्क

नारकोटिक्स निरीक्षक आदर्श योगी से बातचीत कर प्रार्थी वहां से लौट गया। इस दौरान निरीक्षक भीलवाड़ा में ही राशि देने की बात कही और फोन पर बताने की बात कही। दूसरे दिन यानि गुरुवार को सुबह 10 बजे प्रार्थी ने निरीक्षक से सम्पर्क साधा तो उसने बिचौलिये के नम्बर दिये और थोड़ी ही देर बाद बिचौलिया तय स्थान पर उन्हें मिला जहां तीन लाख रूपये के रंगे हुए नोट बिचौलिये को थमा दिये। नोट गिनने और निरीक्षक को राशि आ जाने की सूचना दिये जाने के बाद पास ही में सादी वर्दी में तैनात सीबीआई की टीम ने बिचौलिये को दबोच लिया और इसी दौरान चित्तौड़गढ़ में एक और टीम नारकोटिक्स विभाग में तैनात थी जिसने सूचना मिलने पर नारकोटिक्स निरीक्षक आदर्श योगी को भी हाथों-हाथ धर लिया।

पूरे दिन चली पूछताछ, निवास सहित अन्य स्थानों पर सर्च

गुरुवार को दोपहर में सीबीआई टीम द्वारा निरीक्षक को पकड़ लिये जाने के बाद उसके घर पर छापेमारी की गई वहीं उसके दूसरे आवास पर भी सर्च किया गया। पूरे दिन भर पूछताछ और सर्च करने के बाद आज दोपहर सीबीआई टीम नारकोटिक्स निरीक्षक और बिचौलिये को लेकर जयपुर के लिए रवाना हो गई।

सीजेएम न्यायालय ने दिया ट्रांजिट रिमांड

सीबीआई टीम द्वारा 24 घंटे बीत जाने के कारण बिचौलिये और नारकोटिक्स निरीक्षक को आज चित्तौड़गढ़ के न्यायालय में पेश किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संतोष कुमार बैरवा के समक्ष पेश करने पर उन्होंने एक दिन के ट्रांजिट रिमांड पर सौंप दिया। दोपहर बाद सीबीआई टीम दलाल और नारकोटिक्स निरीक्षक को लेकर जयपुर के लिए रवाना हो गई।

सीबीआई करती है पुख्ता कार्रवाई

इस मामले में प्रार्थी से बातचीत करने पर उसने बताया कि उसने परेशान होकर डरते हुए सीबीआई से सम्पर्क किया था लेकिन सीबीआई ने उसे तत्काल सहयोग और पूरी तरह से आश्वस्त किया। नाम न छापने की शर्त पर प्रार्थी ने आम लोगों से अपील की कि ऐसे मामले में कोई थी व्यक्ति सीबीआई से सम्पर्क कर सकता है और विश्वास जताया कि सीबीआई आम आदमी का भरोसा कायम रखती है।

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(Udaipur Kiran) / अखिल

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