नई दिल्ली, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने जम्मू और कश्मीर में 1956 में निर्मित 2.5 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब जवाहर सुरंग का व्यापक जीर्णोद्धार किया है। अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा, संरक्षा और राहत के उद्देश्य से इसे अपग्रेड किया गया था, जिससे यह आधुनिक सुरंगों के बराबर आ गई। पुनर्निर्मित सुरंग दिसंबर 2024 में जनता के लिए खोली जाएगी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से वित्तपोषित इस सुरंग का 62.5 करोड़ रुपये की लागत से इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण मोड के माध्यम से पुनरुद्धार किया गया। इसे बीआरओ के प्रोजेक्ट बीकन ने लगभग एक वर्ष में पूरा किया है। इसके उन्नयन में सिविल के साथ-साथ इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कार्य भी शामिल थे। इसमें 76 हाई-डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरे, धुआं और आग सेंसर, एससीएडीए सिस्टम और वास्तविक समय की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत निगरानी कक्ष भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि जवाहर सुरंग ऐतिहासिक रूप से पीर-पंजाल रेंज के माध्यम से कश्मीर घाटी और लेह को शेष भारत से जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण मार्ग के रूप में कार्य करती है। यह एनएच-44 के लिए एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में कार्य करता है। तेल टैंकर, विस्फोटक लदे और गैसोलीन वाहन, जिन्हें नवनिर्मित काजीकुंड-बनिहाल सुरंग को पार करने की अनुमति नहीं है, वे इस सुरंग का उपयोग करेंगे।
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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव