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(अपडेट) पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के लोअर कुर्रम में वैन पर आतंकी हमला, 38 यात्रियों की मौत

इसी यात्री वैन को बनाया गया निशाना।

कुर्रम, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लोअर कुर्रम में आज यात्री वैन पर हुए आतंकी हमले में कम से कम 38 लोग मारे गए। हथियारबंद आतंकवादियों ने वैन पर गोलियां बरसाकर समूचे मुल्क को दहला दिया। इस घटना में गोलियों से लहूलुहान 30 अन्य यात्रियों की हालत गंभीर है। प्रांत के मुख्य सचिव ने मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जताई है। फिलहाल इस हमले की किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

डॉन अखबार के अनुसार, अहमदी शमा पुलिस स्टेशन के प्रभारी कलीम शाह ने बताया कि कुर्रम जिले में हुए इस हमले में तीन महिलाओं सहित 38 लोग मारे गए और 11 घायल हो गए। इससे पहले, तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मोहम्मद इशाक ने बताया था कि उनके यहां 33 शव 30 घायल लाए गए हैं। घायलों को जिले के विभिन्न अस्पतालों और कुछ को पेशावर रेफर किया जा रहा है।

खैबर पख्तूनख्वा के मुख्य सचिव नदीम असलम चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के मीडिया सेल ने एक्स पोस्ट में राष्ट्रपति के हवाले से कहा, निर्दोष यात्रियों पर हमला कायरतापूर्ण और अमानवीय कृत्य है।

मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने भी हमले की निंदा की है। उन्होंने मुख्य सचिव, प्रांतीय कानूनमंत्री और क्षेत्र के एमएनए और एमपीए के एक प्रतिनिधिमंडल को तत्काल कुर्रम रवाना होने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री गंडापुर ने कुर्रम में स्थिति को सुधारने के लिए क्षेत्र की जिरगा को फिर से सक्रिय करने का भी आह्वान किया।

हाल ही में प्रतिबंधित संगठन ‘आतंकवादी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान’ ने 2022 में सरकार के साथ युद्धविराम समझौते को तोड़ने की घोषणा कर सुरक्षा बलों को निशाना बनाने का ऐलान किया था।

जियो न्यूज चैनल के अनुसार, कुर्रम जिला कई माह से विभिन्न जनजातियों और पार्टियों के संघर्ष से जूझ रहा है। इनके बीच होने वाली झड़पों में दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा के कारण मुख्य और संपर्क सड़कों के साथ-साथ अफगानिस्तान से लगी सीमा भी बार-बार बंद हो रही है। तुरी और बंगश जनजातियों के आदिवासी बुजुर्गों ने चिंता व्यक्त की है कि सड़कों के लगातार बंद होने से भोजन और ईंधन आपूर्ति की कमी हो गई है। इससे बड़े मानवीय संकट की आशंका बढ़ गई है।

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(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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