ढाका, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में अंतरिम सरकार के नवनियुक्त विशेष अभियोजक सलाहकार टोबी कैडमैन ने अतीत के न्यायिक फैसलों पर बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने अतीत की गलतियों से सबक लेने के महत्व पर जोर दिया।
ढाका से छपने वाले अखबार प्रोथोम अलो के अनुसार कैडमैन ने बातचीत में अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि आगामी मुकदमों में राजनीतिक हस्तक्षेप और पुराने हिसाब-किताब के निपटारे के लिए कोई जगह और समय नहीं होना चाहिए। अभियोजन पक्ष के फैसले केवल और केवल सबूतों पर आधारित होने चाहिए। उनमें प्रतिशोध या राजनीतिक लाभ की बू नहीं आनी चाहिए।
ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय आपराधिक कानून विशेषज्ञ कैडमैन ने कहा कि न्यायाधिकरण को नियंत्रित करने वाले कानून और प्रक्रिया के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव की आवश्यकता है। यह इसलिए जरूरी है कि ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अपराधों की परिभाषा को उचित रूप से व्यक्त किया गया है और निष्पक्ष सुनवाई की गारंटी बरकरार रखी गई है।
उन्होंने कहा कि क्या बदलाव करने की जरूरत है, इस पर वह मजबूत सलाह देने से पीछे नहीं हटेंगे। कैडमैन को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सोमवार को अपना विशेष अभियोजक सलाहकार नियुक्त करने का फैसला किया था। कल सलाहकार परिषद की बैठक में फैसले को मंजूरी दी गई ।
महत्वपूर्ण यह है कि बांग्लादेश में 16 जुलाई से 5 अगस्त के बीच प्रदर्शनकारियों और अन्य लोगों की मौत से जुड़े मानवता और नरसंहार के खिलाफ अपराधों के लिए पूर्व अवामी लीग सरकार के 13 राजनेताओं और आठ वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि तीन सप्ताह की अवधि में लगभग 1,500 लोग मारे गए। यह सभी मामले बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण को देखना है।
कैडमैन को बांग्लादेश में 2011 से इस न्यायाधिकरण के पिछले फैसलों की कड़ी आलोचना के लिए जाना जाता है। उन्होंने जमात-ए-इस्लामी के नेताओं का प्रतिनिधित्व करते हुए बचाव में अपने तर्क रखे। अगस्त 2011 में दोबारा सुनवाई शुरू होते ही तत्कालीन अवामी लीग सरकार ने कैडमैन के बांग्लादेश में प्रवेश करने पर रोक लगा दिया था।
(Udaipur Kiran) / मुकुंद