नई दिल्ली, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में फीस में बढ़ोत्तरी को लेकर आम आदमी पार्टी(आआपा) सरकार की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि अपनी शिक्षा क्रांति का ढिंढोरा पीटने वाली आआपा सरकार इन संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है । बीटेक जैसे टेक्निकल पाठ्यक्रमों की वार्षिक फीस 2018-19 के 1,51,000 रुपये से बढ़कर 2023-24 में 2,36,700 रुपये हो गई है । फीस में इस बढ़ोत्तरी के कारण छात्रों ने दिल्ली सरकार के शिक्षण संस्थानों से किनारा करना शुरू कर दिया है, जिससे छात्रों की संख्या निरंतर घटती जा रही है। गुप्ता ने इस संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर इस मामले में संज्ञान लेने और फीस में कमी करने की मांग की है।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केवल टेक्निकल पाठ्यक्रमों में ही बल्कि बीए और बीकॉम जैसे सामान्य पाठ्यक्रमों की फीस भी आम आदमी की पहुंच से बाहर है। दिल्ली विश्वविद्यालय के सामान्य पाठ्यक्रमों में जहां वार्षिक फीस औसतन पंद्रह हजार रुपए ही है, वहीं दिल्ली सरकार के इन शिक्षण संस्थानों में यह 70 हजार रुपये यानी चार गुणा से भी अधिक है । न केवल सालाना ट्यूशन फीस, बल्कि होस्टल की फीस में भी तीन गुणा वृद्धि कर दी गई है। होस्टल की फीस जो 2021-22 में 20 हजार रुपये सालाना थी उसे बढ़ाकर 2022-23 में 60 हजार रुपये कर दिया गया है।
गुप्ता ने आरोप लगाया कि सरकार ने इन तकनीकी शिक्षण संस्थानों के फीस में वृद्धि कर दी है, जो छात्रों के अभिभावकों के लिए चिंता का सबब बन रही है । गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार की दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) को सरकार द्वारा दी जारी अनुदान सहायता की राशि 2023-24 में 56 करोड़ रुपए थी, जिसे 2024-25 में घटाकर 41 करोड़ रुपए कर दिया गया । इसी तरह दूसरे शैक्षणिक संस्थान नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी आफ टेक्नोलॉजी (एनएशयूटी) को मिलने वाले अनुदान सहायता की राशि 2023-24 में 80 करोड़ से घटाकर 2024 में 56 करोड़ रुपए कर दी गई है।
नेता प्रतिपक्ष ने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के पास शीश महल में ऐशो-आराम के संसाधन जुटाने के लिये सैकड़ों करोड़ रुपये तो हैं लेकिन छात्रों का भविष्य बनाने वाले इन शिक्षण संस्थाओं के लिये आवश्यक धनराशि नहीं है। यह न केवल छात्रों की प्रतिभा का दोहन है बल्कि युवा पीढ़ी को हतोत्साहित करने का कुत्सित प्रयास भी है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए उन्हें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित कर रही है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी(आआपा) की सरकार इन युवाओं के भविष्य को अंधकारमय बनाने का घिनौना प्रयास कर रही है।
विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के शिक्षा मंत्रालय का प्रभार संभालने वाली मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर इस संबंध में संज्ञान लेने और छात्रों की पहुंच से बाहर हो चुकी फीस में कमी करने की मांग की है। उन्होंने आतिशी को सलाह दी है कि यह युवा ही आने वाले भारत का भविष्य हैं और आज के प्रतिस्पर्धा वाले युग में छात्रों को कम कीमत में उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान कर देश के भविष्य को संवारने का काम दिल्ली सरकार को करना चाहिए ।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी