कोलकाता, 20 नवंबर (Udaipur Kiran) । तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले हुगली जिले में ‘द्वारे विधायक’ (विधायक आपके दुआर) अभियान शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य पिछली बार के खराब प्रदर्शन वाले इलाकों में जनता की समस्याओं को सुनकर असंतोष को कम करना है। पिछले लोकसभा चुनाव में हुगली जिले के चुंचुड़ा, बलागढ़ और सप्तग्राम विधानसभा क्षेत्रों में तृणमूल कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। चुंचुड़ा में पार्टी भाजपा से करीब आठ हजार 500 वोटों से पीछे रही थी। इन परिणामों की समीक्षा के बाद यह फैसला किया गया कि विधायकों को जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनना चाहिए।
बुधवार को चुंचुड़ा के विधायक असित मजूमदार इस अभियान के तहत कोदालिया-1 पंचायत के देवीपुर इटखोला गांव पहुंचे। वहां स्थानीय लोगों ने उन पर विकास कार्य न होने का आरोप लगाया।
ग्रामीणों ने कहा कि इलाके में सड़क, जल निकासी, बिजली और आवास जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हुई हैं। कुछ लोगों ने यह भी शिकायत की कि विधायक केवल चुनाव के समय क्षेत्र में दिखाई देते हैं।
विधायक ने जनता को आश्वासन दिया कि उनकी सभी समस्याओं को जल्द से जल्द हल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों का गुस्सा जायज है। काम नहीं हुआ, इसलिए उन्होंने हमें वोट नहीं दिया। लेकिन अब हम पूरी कोशिश करेंगे कि सभी कार्य समय पर पूरे हों।
बीरभूम के ‘शताब्दी मॉडल’ की तर्ज पर अभियान
तृणमूल कांग्रेस का यह अभियान बीरभूम में सांसद शताब्दी रॉय द्वारा अपनाए गए मॉडल से प्रेरित है। पिछले पंचायत और लोकसभा चुनावों में बीरभूम में पार्टी को अच्छे नतीजे मिले थे। पार्टी नेताओं का मानना है कि शताब्दी ने जनता से सीधे संवाद कर उनके असंतोष को कम किया था। हुगली में भी इसी मॉडल को अपनाने की कोशिश की जा रही है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि शताब्दी रॉय ने जनता के गुस्से का सामना कर उसे शांत किया। यही तरीका अन्य क्षेत्रों में भी अपनाया जा सकता है। हालांकि, शुरुआत में उन्हें भी विरोध झेलना पड़ा था, लेकिन समय के साथ स्थिति सुधरी।
अभियान के दौरान असित मजूमदार ने एक आंगनवाड़ी केंद्र का भी दौरा किया। वहां उन्होंने पाया कि एक बच्चे को देर से आने के कारण खाना नहीं दिया गया। इस पर उन्होंने आंगनवाड़ी शिक्षिका स्वर्ण मुखर्जी को फटकार लगाई। हालांकि, बाद में उन्होंने शिक्षिका से माफी मांगते हुए जनता की समस्याओं को हल करने का आग्रह किया।
तृणमूल कांग्रेस को उम्मीद है कि यह अभियान विधानसभा चुनावों से पहले जनता के असंतोष को कम करने और पार्टी की छवि सुधारने में मदद करेगा।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर