RAJASTHAN

पराली जलाने की समस्या से निजात के लिए मशीन पर सब्सिडी के लिए सरकार के पास भेजेंगे प्रस्ताव

भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) से मशीन को मिल चुका है पेटेंट, पराली जलाने की समस्या से निजात के लिए मशीन पर सब्सिडी देने हेतु सरकार के पास भेजेंगे प्रस्ताव

बीकानेर, 20 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर भारत में पराली जलाने की समस्या से निजात दिलाने के लिए हाल ही में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा विकसित स्टबल चॉपर कम स्प्रेडर मशीन पर सब्सिडी देने के लिए एक प्रस्ताव जल्द ही राज्य सरकार के पास भिजवाया जाएगा। एसकेआरएयू कुलपति डॉ अरुण कुमार ने प्रस्ताव भेजने के निर्देश फार्म इम्प्लीमेंट्स एंड मशीनरी टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर (एफआईएमटीटीसी) के प्रभारी अधिकारी डॉ वाई.के.सिंह को दिए।

एफआईएमटीटीसी के प्रभारी अधिकारी डॉ वाई.के.सिंह ने बताया कि गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान व आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति डॉ बिजेन्द्र सिंह ने एसकेआरएयू कुलपति डॉ अरुण कुमार के साथ फार्म इम्प्लीमेंट्स एंड मशीनरी टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर (एफआईएमटीटीसी) का विजिट किया। इस दौरान कुलपति डॉ अरुण कुमार ने हाल ही में कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित स्टबल चॉपर कम स्प्रेडर मशीन पर किसानों को सब्सिडी के साथ मशीन उपलब्ध करवाने के लिए एक प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार के पास भिजवाने के निर्देश दिए।

विजिट के दौरान कुलपति डॉ अरुण कुमार ने दोनों कुलपतियों को बताया कि उत्तर भारत में पराली जलाने की समस्या से निजात दिलाने के लिए हाल ही में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा स्टबल चॉपर कम स्प्रेडर मशीन कम कीमत पर विकसित की गई है। इस मशीन को भारत सरकार और यूनाइटेड किंगडम (यूके) से पेटेंट भी मिल चुका है। मशीन के वृहद स्तर पर उत्पादन को लेकर संगरिया की एक इंडस्ट्री के साथ एमओयू भी हो चुका है और इसका उत्पादन भी शुरू हो चुका है। विदित है कि स्टबल चॉपर कम स्प्रेडर मशीन का डिजाइन कृषि विश्वविद्यालय की डॉ. मनमीत कौर, डॉ. वाई. के. सिंह, शौर्या सिंह, डॉ.अरुण कुमार एवं डॉ.पी. के. यादव द्वारा तैयार किया गया था।

खास बात ये कि केंद्र के विजिट के दौरान एएनडीयूएटी, अयोध्या के कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने अपने विश्वविद्यालय में भी ऐसा ही एक केंद्र स्थापित करने में गहरी रुचि दिखाई। साथ ही स्टबल चॉपर कम स्प्रेडर मशीन उपलब्ध करवाने काम भी अनुरोध किया। एफआईएमटीटीसी के प्रभारी अधिकारी डॉ वाई.के.सिंह ने अतिथियों को विभिन्न कृषि यंत्रों और मशीनरी परीक्षण के पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी। जी.बी. पंत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने एफआईएमटीटीसी के योगदान को कृषि प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण बताया। दोनों कुलपतियों ने केंद्र की उल्लेखनीय उपलब्धियों और संचालन कुशलता को लेकर भूरि भूरि प्रशंसा की।

इससे पूर्व एफआईएमटीटीसी पर पहुंचने पर अनुसंधान निदेशक डॉ विजय प्रकाश ने अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। विजिट के दौरान एफआईएमटीटीसी के एस.आर. रंगा, प्रशांत सिंह, अभिनव यादव, मनप्रीत सिंह एवं अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / राजीव

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