Uttar Pradesh

बाराबंकी:  प्रधानमंत्री आवास योजना में साढ़े 27 लाख का गबन

साकेंतिक फोटो

बाराबंकी, 20 नवंबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वर्णिम योजना प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगरीय विकास अभिकरण डूडा में करोड़ो में घोटाला हुआ है। बाराबंकी डूडा में तैनात रहे तत्कालीन परियोजना अधिकारी सौरभ त्रिपाठी के ऊपर ये आरोप लगा और जांच में पुष्टि भी हुई।

जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने जिला नगर विकास विभाग में प्रधानमंत्री आवास (शहरी) योजना में करोड़ों रुपये के गबन के मामले में तत्कालीन परियोजना अधिकारी रहे सौरभ त्रिपाठी के विरुद्ध विभागीय जांच के निर्देश दिए। जांच में अब तक 27 लाख गबन का खुलासा हुआ है।

तत्कालीन परियोजना अधिकारी डूडा सौरभ त्रिपाठी राज्य नगरीय विकास अभिकरण सूडा में प्रतिनियुक्ति के आधार पर जिला नगरीय विकास अभिकरण लखनऊ में परियोजना अधिकारी के पद पर कार्यरत है।

उन पर आराेप है कि बाराबंकी में तैनाती दौरान उन्होंने विभागीय नियमों को दरकिनार कर अपने करीबी लोगों के नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना की न केवल धनराशि जारी की बल्कि उससे भवन का निर्माण तक नहीं कराया। इसके बाद सौरभ त्रिपाठी का तबादला लखनऊ हो गया। फिर जिले का कार्यभार संभालने पर परियोजना अधिकारी डूडा विजय तिवारी ने इस बड़े गबन की जानकारी दस्तावेजों के साथ डीएम सत्येंद्र कुमार के समक्ष रखी।

जनपद में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में एक ही भवन को कई भवनों में दिखाकर 27 लाख पचास हजार रुपये के गबन करने के मामले में तत्कालीन परियोजना अधिकारी, जिला नगरीय विकास अभिकरण सहित सर्वेयरों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की संस्तुति जिलाधिकारी ने राज्य नगरीय विकास अभिकरण, उत्तर प्रदेश के निदेशक से की।

इस गबन के मामले की जांच के लिये केन्द्र सरकार के सचिव गुरुवार को शहर पहुंच रहे है। भेजे गये पत्र के मुताबिक, जिलाधिकारी के निर्देश पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नवाबगंज से करायी जांच के आधार पर तत्कालीन परियोजना अधिकारी नगरीय विकास अभिकरण सौरभ त्रिपाठी, संविदाकर्मी अतुल तिवारी, सर्वेयर पंकज, सौरभ, विवेक यादव, सूरज, रवि प्रकाश, आशुतोष पाठक, विकास, शमशेर यादव कार्यदायी संस्था के सर्वेयर व आयुष वर्मा एमआईएस व आशीष चौरसिया संबंधित सीएलटीसी के विरूद्ध कार्रवाई किये जाने की संस्तुति की है।

तत्कालीन परियोजना अधिकारी, बाराबंकी वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर सूडा में परियोजना अधिकारी सौरभ त्रिपाठी को दिये गये नौ बिन्दुओं के साथ आरोप पत्र में कहा गया है कि एक ही स्थल पर दो व्यक्तियों का लाभ दिखाते हुये गलत जियो टैग भी गलत लोकेशन किया गया। इस तरह से उनके ऊपर प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अन्तर्गत अपनी पदीय दायित्वों का निर्वहन न करने, और पद का दुरूपयोग कर अपने अधीन कर्मियों का नियंत्रित किये जाने के बजाय उनके साथ मिलकर दुरभिसंधि स्थापित कर सुनियोजित ढंग से फर्जी जियोटैग कराकर बिना आवास निर्मित कराये, शहरी क्षेत्र के स्थान पर ग्रामीण क्षेत्र में जियोटैग कराकर तथा एक ही आवास पर एक अधिक आवासों के लिये प्रति आवास ढाई लाख प्रति आवास की दर से साढ़े सत्ताईस लाख रूपये शासकीय धनराशि के गबन किये जाने का आरोप है। वहीं, भारत सरकार के सचिव के आगमन की खबर से लखनऊ से बाराबंकी तक हलचल है।

(Udaipur Kiran) / पंकज कुमार चतुवेर्दी

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