मुरैना, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । पोरसा कस्बा स्थित गोकुलपुरा में मंगलवार की शाम एक साथ पिता पुत्र की जब अर्थी उठी, तब वहां हरेक की आंख नम थी। महिलाओं के रुदन ने वातावरण को और ज्यादा गमगीन बना दिया। देर शाम तक दोनों पिता-पुत्र के अंतिम संस्कार किए गए। दोनों की मृत्यु श्योपुर जिले के विजयपुर क्षेत्र में केंटर पलटने से हुई थी।
पोरसा शहर के वार्ड क्रमांक 7 गांधीनगर निवासी संतराम पुत्र भिखारी प्रजापति उम्र 55 वर्ष अपने पुत्रों अशोक 32 वर्ष एवं महावीर 38 वर्ष सहित नाती अमित 13 साल के साथ राजस्थान के झालावाड़ पाटन घोड़ी खरीदने गए थे। वहां से घोड़ी लेकर केंटर से वह वापस लौट रहे थे, तभी श्योपुर जिले की बरगमा चौकी के पास 18 नवंबर की रात 2 बजे केंटर पलट गया। जिसमें बैठे 10 लोग घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए श्योपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन गंभीर हालत होने पर सभी को ग्वालियर अस्पताल रेफर किया गया। जहां संतराम और अशोक की इलाज के दौरान मौत हो गई वहीं आठ लोगों का इलाज जारी है।
घायल महावीर के द्वारा बताया गया कि हम अपने पिता संतराम, भाई अशोक और बेटे अमित के साथ पोरसा के गोकुलपुरा रोड पर रहने वाले मनीराम पुत्र रामपाल प्रजापति, गुड्डू, पुत्र डालचंद्र तथा चार साथियों को साथ लेकर झालावाड़, पाटन से 18 नवंबर की रात्रि को घोड़ी लेकर वापस पोरसा आ रहे थे तभी वरगमा चौकी जिला श्योपुर के पास केंटर पलट गया। जिसमें हमारी दस घोड़ी और हम सभी घायल हो गए। 19 नवंबर को दिन में इलाज के दौरान हमारे पिता संतराम और भाई अशोक की मौत हो गई । वहीं अन्य साथियों की गंभीर हालत होने पर ग्वालियर अस्पताल में ईलाज किया जा रहा है।
उधर आज मंगलवार की शाम 4 बजे पिता- पुत्र का शव एक साथ अंतिम संस्कार के लिए गया। इस अवसर पर सैंकड़ों की संख्या में महिला पुरुषों की आंखें नम थीं। बताया जाता है कि मृतक पिता- पुत्र किसी के हाथ, पैर एवं पसली टूटने पर उसकी हड्डी जोडऩे का काम भी करते थे। यही वजह रही कि आज जब दोनों की अर्थी एक साथ उठ रही थी तब काफी संख्या में लोग वहां एकत्रित थे। पुत्र अशोक का अंतिम संस्कार गोकुलपुरा के मुक्तिधाम में तथा पिता संतराम का अंतिम संस्कार मुक्तिधाम पोरसा में किया गया।
(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा