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प्रियंका गांधी परिवार के साथ छुट्टियां मनाने पहुंचीं रणथंभौर, तीन दिन करेंगी टाइगर सफारी

रणथंभौर दुर्ग के एक देवरे पर चहलकदमी करती बाघिन ऐरोहेड।

सवाई माधाेपुर, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रणथंभौर में छुट्टियां मनाने पहुंचीं हैं। मंगलवार दोपहर प्रियंका गांधी वाड्रा पूरे लवाजमे के साथ रणथंभौर पहुंचीं। वे यहां एक पांच सितारा होटल में रुकी हैं। इस दौरान यहां पर सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए गए हैं। वायनाड चुनाव के बाद मंगलवार दोपहर करीब 12:30 बजे कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा अपनी सास मोरिन वाड्रा, पति रॉबर्ट वाड्रा, बेटा रेहान वाड्रा, बेटी निराया वाड्रा के साथ रणथम्भौर पहुंचीं। सभी लोग यहां तारा होटल शेरबाग में ठहरे हुए हैं। इस दौरान इनका यहां पर रणथंभौर में टाइगर सफारी करने का कार्यक्रम प्रस्तावित है।

जानकारी के अनुसार प्रियंका गांधी वाड्रा पांच दिन के राजस्थान दौरे पर आई हुई हैं। जिसमें से तीन दिन वे सवाई माधोपुर में रूकेगी। इस दौरान वे रणथम्भौर में सुबह और शाम की पारी में टाइगर रिजर्व में सफारी का आनंद लेंगी। इससे पहले भी प्रियंका गांधी वाड्रा रणथंभौर में अक्सर आती रही हैं। वे अपना बर्थडे भी रणथंभौर में सेलिब्रेट कर चुकी हैं। वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी अपने भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी के साथ होटल शेरबाग में ही रूकी थीं। रणथंभौर टाइगर रिजर्व देश के सबसे लोकप्रिय टाइगर रिजर्व में से एक है, जो न केवल टाइगर बल्कि अन्य वन्यजीवों के लिए भी एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। रणथम्भौर में एक अक्टूबर से टूरिस्ट सीजन शुरू हुआ है। रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में कुल 10 जोन हैं। इनमें दाे पारियों में टाइगर सफारी होती है। सुबह‌ की पारी में सफारी सुबह छह से नाै बजे तक होती है। शाम की शिफ्ट में सफारी दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक होती है। रणथंभौर में फिलहाल 75 बाघ, बाघिन और शावक हैं।

पिछले 12 साल से प्रियंका गांधी अपने दोनों बच्चों के साथ हर साल रणथंभौर पार्क में आ रही हैं। वे अब तक हजारों फोटो यहां के टाइगर की खींच चुकी हैं और उन्होंने एक किताब में भी रणथंभौर के बाघों का जिक्र किया है। प्रियंका इस साल भी अप्रैल में यहां आई थीं। रणथंभौर नेशनल पार्क 1700 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यहां 75 बाघ, बाघिन और शावक हैं। एक बाघ को लगभग 35 किलोमीटर टेरेटरी की आवश्यकता होती है। ऐसे में यहां 50 बाघ रह सकते हैं। यानी रणथंभौर में 25 बाघ-बाघिन क्षमता से अधिक हैं।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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