धमतरी, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थी एक दिन के लिए कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत सीईओ समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी बने।
विभिन्न स्कूलों के 202 विद्यार्थियों ने कार्यालयों में बैठकर प्रशासनिक कार्य देखें। साथ ही अधिकारियों के साथ निरीक्षण पर भी निकले। वनांचल क्षेत्र के ग्राम सांकरा के कक्षा बारहवीं में अध्ययनरत प्रवीण कुमार साहू शेडो कलेक्टर बने। वहीं मरौद के मोहनीश कुमार जांगड़े शेडो एसपी और मेघा की छात्रा द्रोपती निषाद शेडो जिला पंचायत सीईओ बनकर अधिकारियों के साथ पूरे दिन बिताकर शासकीय कार्य व गतिविधियां देखकर खुश हुए।
इसी तरह मरौद के छात्र हर्ष कुमार शेडो अपर कलेक्टर, भोथली की युक्ति साहू शेडो जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका में नजर आईं। इन अधिकारियों के साथ विभागीय गतिविधियों को करीब से समझा। इसके अलावा अन्य बच्चों ने भी विभिन्न विभागों में जाकर अपनी भावनाओं को अधिकारियों के साथ साझा किया और अधिकारियों ने भी बच्चों की जिज्ञासाओं को शांत किया। शेडो अधिकारियों ने शाम कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर नम्रता गांधी के समक्ष रूबरू चर्चा करते हुए अपने अनुभव साझा किए। शेडो कलेक्टर प्रवीण कुमार ने बताया कि जिस नाम के पीछे कलेक्टर शब्द लग जाए, वह अपने आप में गौरवान्वित महसूस करता है। यह क्षण मेरे जीवन के स्वर्णिम यादों में शामिल रहेगा। आज मैंने कलेक्टर के साथ कुरूद विकासखंड में चल रही समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, महाविद्यालय और सरकारी अस्पताल के लिए जमीन का निरीक्षण किया। यह अनुभव बहुत ही शानदार और प्रेरणादायक रहा, इसके लिए वह कलेक्टर का धन्यवाद ज्ञापित किया।
तनिशा जैन बनी शेडो डिप्टी कलेक्टर
शेडो डिप्टी कलेक्टर तनिशा जैन ने कहा कि आज हमने बड़े ही करीब से यह देखा कि हमारे अधिकारी कैसे काम करते हैं। हमने एनआईसी, स्वान में आयोजित वीडियो कान्फ्रेंस, खाद्य विभाग, कोषालय में वेतन एवं अन्य बिलों की व्यवस्था, जाति प्रमाण पत्र आदि के कार्यों को देखा और समझा।
उन्होंने कहा कि हर चुनौती को स्वीकार कर कुछ सीखें और जीवन में आगे बढ़ें। वहीं शेडो कृषि अधिकारी दीपांशु यादव ने बताया कि जिला प्रशासन की यह सराहनीय पहल है। इसका आयोजन हर साल होना चाहिए, ताकि और बच्चों को इसका लाभ मिल सके, जिससे बच्चे जिले को शिक्षा के सर्वोच्च शिखर पर ले जा सकें। इस अवसर पर कलेक्टर नम्रता गांधी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बच्चों को आगे बढ़ने की राह बताना है। आपकी उम्र जीवन में सही राह या लक्ष्य निर्धारित करने की है। आप सभी एक दिन के लिए नहीं, बल्कि जिंदगी भर के अधिकारी बनें, उसके लिए जरूरी है कि आप एक ध्येय बनाकर आगे बढ़ें। आप सभी अपने घर, मोहल्ले, गांव, आसपास पर्यावरण, जल संरक्षण में अपनी भागीदारी निभाएं। उन्होंने बच्चों को समझाईश देते हुए कहा कि आपमें प्रतिभा की कमी नहीं है, किसी भी परिस्थिति में आप हार न मानें।
जिले के विभिन्न हाई एवं हायर सेकेंडरी कक्षाओं में अध्ययनरत कुल 202 बच्चे 19 नवंबर को विभागीय कार्यों और गतिविधियों को करीब से जानने एवं समझने के लिए शेडो अधिकारियों की भूमिका में नजर आए। इस दौरान बच्चों ने कलेक्टर, एसपी, सीईओ सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों से उनके कार्यालयों में संपर्क किया और विभागीय कार्यों को समझा एवं जाना। बच्चों ने शासकीय कार्यालयों में किए जा रहे कार्यों, वहां संचालित होने वाली योजनाओं, कार्यक्रमों और अधिकारियों की जिम्मेदारियों को करीब से देखा। साथ ही बच्चों ने उत्सुकतापूर्वक अधिकारियों से सवाल भी किए और भविष्य में उनकी क्या बनने की योजना है, उसे अधिकारियों के साथ साझा किया। विभागीय अधिकारियों ने बच्चों का आत्मीय स्वागत किया और अपने-अपने विभागों में संचालित हो रहे कार्यों, योजनओं और कार्यक्रमों की बारिकी से जानकारी दी। इस अवसर पर बच्चों के साथ संबंधित विभागों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा कि शेडो अधिकारियों के कार्यक्रम का आयोजन बाल दिवस के उपलक्ष्य में किया गया था। इसका उद्देश्य है कि छात्र अधिकारियों के कार्यों को देखें, समझें और उसे देखकर अपना लक्ष्य निर्धारित करें। दूसरी ओर अधिकारी भी बच्चों की नजरिया से देखें कि वे अपना कार्य कैसे कर रहे हैं तथा बेहतर तरीके से और अच्छा कार्य कैसे करें। यह दोनों तरफ से सीखने को मिलता है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा