केलकाता, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । कोलकाता हाईकोर्ट ने बगटुईकांड के मुख्य आरोपितों में से एक और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष अनारुल हुसैन को बेटी की शादी के अवसर पर सात दिनों की अंतरिम जमानत दी है। यह फैसला मंगलवार को न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने मानवीय आधार पर सुनाया। अनारुल ने अदालत में अपनी बेटी की आगामी 24 नवंबर को होने वाली शादी का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई थी।
कोर्ट के आदेश के अनुसार, अनारुल को अपरांपुरहाटहाट स्थित घर पर ही रहना होगा। शादी के दौरान उन्हें समारोह स्थल पर जाने की अनुमति होगी, लेकिन वे अन्य स्थानों पर जाने या इलाके में घूमने की इजाजत नहीं होगी। इस दौरान वे पूरी तरह से पुलिस सुरक्षा के अधीन रहेंगे। अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद अनारुल को थाने में आत्मसमर्पण करना होगा। आत्मसमर्पण की जानकारी उनके वकील के माध्यम से अदालत को दी जाएगी।
यह मामला 21 मार्च 2022 की उस भयावह घटना से जुड़ा है, जब बगटुई इलाके में तृणमूल कांग्रेस के नेता और उपप्रधान भादू शेख की बम से हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के बाद आरोप है कि भादू शेख के समर्थकों ने इलाके के कई घरों में आग लगा दी, जिससे नौ महिलाओं समेत दस लोगों की मौत हो गई। कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था। बाद में भादू शेख की हत्या के मामले को भी इसी जांच के दायरे में शामिल कर लिया गया।
जांच के दौरान, बगटुईकांड के एक अन्य आरोपित लालन शेख की सीबीआई हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस घटना की जांच फिलहाल सीआईडी कर रही है। बगटुईकांड के मुख्य आरोपितों में से एक अनारुल हुसैन की भूमिका को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। हालांकि, बेटी की शादी के लिए उन्हें यह अस्थायी राहत दी गई है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर