नई दिल्ली, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजधानी नई दिल्ली में दमघोंटू वायु प्रदूषण केवल लोगों के प्राणों पर संकट खड़ा नहीं कर रहा है बल्कि कारोबार को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। प्रदूषण का व्यापार पर भी असर दिखने लगा है जिससे दिल्ली के व्यापारियों को करीब 20 फीसदी व्यापार हानि का सामना करना पड़ा है। यह कारोबार के लिए एक बड़ा नुकसान है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुद्दा दिल्ली के व्यापार को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। दिल्ली के व्यापारियों को लगभग 20 फीसदी व्यापार हानि का सामना करना पड़ रहा है। यह व्यापार के लिए एक बड़ा नुकसान है।
खंडेलवाल ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण उपभोक्ता भीड़-भाड़ वाले बाजारों में जाने से बचते हैं। इससे बाजारों में ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। इसका व्यापार पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा डीजल वाहनों, खासकर ट्रकों पर लगाए गए प्रतिबंध आपूर्ति श्रृंखला को बाधित करते हैं जिससे माल की बाजारों तक पहुंचने में देरी होती है। लॉजिस्टिक्स लागत बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति माल और सेवाओं की आपूर्ति पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है क्योंकि दिल्ली देश का सबसे बड़ा वितरण केंद्र है। यहां अन्य राज्यों से हजारों ट्रक माल लाते हैं। इसी प्रकार उतनी ही संख्या में ट्रक दिल्ली से अन्य राज्यों में माल की आपूर्ति करते हैं।
कैट महामंत्री ने कहा कि प्रदूषण की वजह से चांदनी चौक, करोल बाग, लाजपत नगर, कनॉट प्लेस, साउथ एक्सटेंशन, सदर बाजार, कमला नगर, पीतमपुरा जैसे बाजारों में छोटे और मध्यम व्यापारियों को ग्राहक संख्या में कमी और आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं के कारण राजस्व में भारी गिरावट का सामना करना पड़ेगा। वहीं, शादियों से जुड़े व्यापार जो अपने चरम बिक्री पर हैं, उन्हें भारी नुकसान होता है क्योंकि प्रदूषण प्रतिबंध अक्सर इन्हीं पीक पीरियड के दौरान दिल्ली में लगाए जाते हैं।
खंडेलवाल ने कहा कि प्रदूषण की वजह से व्यापारियों को अपने कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए एयर प्यूरीफायर, मास्क और अन्य उपायों पर अतिरिक्त लागत भी उठानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक वाहनों पर प्रतिबंध के कारण व्यापारियों को उच्च परिवहन लागत का सामना करना पड़ता है। प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याएं कार्यबल की दक्षता में कमी और अनुपस्थिति को बढ़ाती हैं, जिससे उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली के श्रमिक वर्ग में एक बड़ा हिस्सा प्रवासियों का होता है, जो खराब जीवन परिस्थितियों की वजह से अक्सर शहर छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। सरकार को व्यापार संगठनों को निर्णय-निर्माण प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए, ताकि ऐसे संतुलित नीतियां बनाई जा सकें जो व्यवधान को न्यूनतम करें। उन्होंने कहा कि ईको-फ्रेंडली कार्गो समाधान जैसे इलेक्ट्रिक ट्रकों की शुरुआत करके आपूर्ति श्रृंखला संचालन को बाधित होने से बचाया जा सकता है।
कैट महामंत्री ने कहा कि प्रभावित व्यवसायों को वित्तीय सहायता या कर राहत प्रदान करके उनके नुकसान को कम किया जा सकता है। दिल्ली का व्यापार क्षेत्र, विशेष रूप से छोटे व्यापारी, वायु प्रदूषण और नियामक प्रतिबंधों के दोहरे बोझ से सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है। इस गंभीर मसले को हल करने के लिए सरकार और व्यापारी समुदाय के बीच सामूहिक प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर