नई दिल्ली, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को मुकुंदपुर डिपो में मेट्रो फेज-चार के लिए आई ट्रेन का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नई चालक-रहित ट्रेन अगले कुछ महीनों में मेजेंटा लाइन में शामिल की जाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में पिछले 10 सालों में दिल्ली में युद्धस्तर पर मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हुआ है। इस दिशा में 1998 से 2014 तक मात्र 193 किलोमीटर मेट्रो की लाइन बनी और 2014 से 2024 में 200 किलोमीटर मेट्रो की नई लाइनें बनीं।
उन्होंने कहा कि 2014 तक दिल्ली मेट्रो में केवल 143 स्टेशन थे, आज दिल्ली मेट्रो में 288 स्टेशन हैं। रोजाना 60 लाख यात्री मेट्रो में सफर करते है और मेट्रो के विस्तार से दिल्ली की आर्थिक तरक्की को भी विस्तार मिला है। साथ ही दिल्ली मेट्रो ने 6.3 लाख टन ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम किया है और आज पूरे विश्व में प्रदूषण को कम करने वाले पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में विख्यात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार युद्धस्तर पर चल रहा है। पिछले 10 सालों में दिल्ली में फ्लाइओवरों, सड़कों का,बसों का युद्धस्तर पर विस्तार हुआ है। दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में एक बहुत बड़ा काम दिल्ली मेट्रो नेटवर्क के विस्तार का हुआ है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में 86 किमी के मेट्रो के फेज-IV का काम चल रहा है। इसके अंतर्गत तीन लाइनें अभी निर्माणाधीन है। इनमें जनकपुरी वेस्ट से रामकृष्ण आश्रम, मजलिस पार्क से मौजपुर और एयरोसिटी से तुगलकाबाद की लाइनें शामिल है। इसके अलावा इसमें लाजपत नगर से साकेत और इंद्रप्रस्थ से इंद्रलोक लाइनें भी शामिल होंगी और जल्द इनपर भी काम शुरू होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 10 सालों में मेट्रो के इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार तो हुआ ही है, साथ ही इसमें यात्रा करने वालों की संख्या भी बढ़ी है। 2014 में जहां प्रतिदिन दिल्ली मेट्रो में रोजाना 24 लाख लोग यात्रा करते थे, वही 2024 में ये संख्या 60 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है। और 18 नवंबर 2024 को रिकॉर्ड तोड़ते हुए ये संख्या 78 लाख पर पहुंच है।
सीएम आतिशी ने कहा, दिल्ली मेट्रो के इस विस्तार से दिल्ली की आर्थिक तरक्की को भी गति मिलती है। मेट्रो के ज़रिए लोगों को एक जगह से दूसरे जगह जाने में कम समय लगता है। साथ ही इससे प्रदूषण कम करने में भी मदद मिली है। दिल्ली मेट्रो ने 6.3 लाख टन ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन की कम किया है, इस कारण दिल्ली मेट्रो को पूरे विश्व में प्रदूषण को कम करने वाले पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में देखा जाता है।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी