नई दिल्ली, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में नए शैक्षणिक सत्र के लिए सोमवार को परास्नातक छात्रों का पारंपरिक तरीके से स्वागत समारोह कार्यक्रम ‘संस्कार 2024’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान सभी नवागंतुक 85 छात्रों ने शपथ ली। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ तनुजा मनोज नेसारी ने सभी नये छात्रों को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए छात्रों से भविष्य में इतिहास रचने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की दो प्रमुख बातें हैं, जिसमें सर्वोत्तम शिक्षा और परिवर्तनकारी यात्राओं को महत्व देना शामिल है। उन्होंने कहा कि छात्रों को ईश्वर ने इस महान काम के लिए चुना है और हमारी दृष्टि समाज की भलाई के लिए काम करने की होनी चाहिए।
इस दौरान कार्यक्रम के दौरान संस्थान की निदेशक (इंचार्ज) प्रोफेसर डॉ सुजाता कदम ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सोना बनने के लिए उसे कई परीक्षणों से गुजरना पड़ता है। उसी तरह ये तीन साल आपके लिए परिवर्तनकारी होंगे और आपकी यात्रा को असाधारण बनाएंगे। इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) की पूर्व निदेशक प्रोफेसर डॉ तनुजा मनोज नेसारी री मुख्य अतिथि थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान की निदेशक (इंचार्ज) प्रोफेसर डॉ सुजाता कदम ने की और उनके साथ डीन, पीएचडी प्रोफेसर डॉ. महेश व्यास और डीन पीजी प्रोफेसर डॉ योगेश बडवे, सलाहकार शैक्षणिक गतिविधि आनंद मोरे एवं अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे।
बतादें कि इस 9वें बैच के शैक्षणिक सत्र के लिए देशभर से 85 छात्रों का चयन किया गया। संस्थान में प्रवेश के लिए छात्रों को अखिल भारतीय आयुष स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा (एआईएपीजीईटी) पास करनी होती है, जिसे नेशनल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन आयोजित करती है। उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) की स्थापना वर्ष 2017 में की गई। अभी तक संस्थान 27 लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज कर चुका है और रोजाना करीब 2000 से अधिक मरीज इलाज के लिए संस्थान में आते हैं।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी