भाेपाल, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में खाद का संकट गहराता जा रहा है। इस बीच गुना में एक किसान की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। आरोप है कि प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव का दाह संस्कार करवा दिया। अब इस मामले काे लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार काे घेरते हुए गंभीर आराेप लगाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि किसान ने खाद नहीं मिलने से परेशान हाेकर आत्महत्या की है। मौत से पहले उसने खाद न मिलने की पीड़ा बयां करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था और तहसीलदार पर कालाबाजारी के आरोप लगाए थे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना पर कहा है कि मप्र में तालिबानी शासन चल रहा है। वहीं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा है कि सरकार न खाद दे पा रही और न ही बिजली उपलब्ध करा पा रही है। इससे किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को साेशल मीडिया एक्स पर पाेस्ट करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के गुना जिले के झागर गाँव के किसान भगवत किरार की दिन भर खाद की लाइन में खड़े रहने के बाद शाम को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की खबर विचलित करती है। मृतक किसान ने खाद न मिलने पर दिन में एक वीडियो जारी कर खाद वितरण व्यवस्था में भारी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की बात कही थी। एक किसान का बीजेपी सरकार पर खुलेआम भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के कुछ ही घंटे बाद उसकी मृत्यु की खबर कई सवालों और संदेहों को जन्म देती है। पूर्व सीएम ने आगे कहा कि बताया जाता है कि मृतक किसान का पोस्टमार्टम कराये बिना ही आनन फ़ानन में अंतिम संस्कार भी कर दिया गया, इससे मृत्यु की असली वजह भी सामने नहीं आ सकी है। कुछ लोग इसे दबी ज़ुबान में खाद न मिलने से त्रस्त होकर किसान द्वारा आत्महत्या करने का मामला भी बता रहे हैं। कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी, मध्यप्रदेश में खाद बीज की क़िल्लत विकराल रूप ले चुकी है, सरकार पता नहीं किस नशे में मदमस्त होकर किसानों को रौंद रही है। अन्नदाता सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता है, तो शाम को उसकी मृत्यु की खबर आ जाती है। मध्यप्रदेश में ये कौन सा तालिबानी शासन चल रहा है ?
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने उठाए सवाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने युवक की मौत से पहले बनाए गए वीडियो को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा, “बमौरी विधानसभा क्षेत्र में डीएपी खाद न मिलने पर झागर गांव के किसान भगवत किरार (पाती दादा) ने घर पर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम कराएं आनन फानन में मृतक किसान का दाह संस्कार भी करवा दिया। मृतक किसान के परिजनों का आरोप है कि ग्राम धाननखेड़ी में खाद लेने गए थे, लम्बे समय तक लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल पाई, इसी के चलते वह अवसाद में आ गए थे और आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।” अरुण यादव ने आगे कहा, “आखिर भाजपा सरकार किसानों की चिंता कब करेगी और उनके लिए खाद कब उपलब्ध करवाएगी? क्योंकि किसान खरीफ की फसल और सरकार की उदासीनता की वजह से पहले से ही परेशान है। अब उसे रबी की फसल से उम्मीद है। फिर भी न समय पर खाद है न बिजली। मेरी किसान साथियों से प्रार्थना है कि आत्महत्या जैसा कोई कदम न उठाएं, क्योंकि इससे सबसे ज्यादा पीड़ा आपके परिजनों को ही होगी।”
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे