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जापान के प्रमुख कवि शुनतारो तानिकावा का 92 वर्ष की आयु में निधन

जापान में शुनतारो तानिकावा को आधुनिक कविता का स्तंभ माना जाता है।

टोक्यो, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । जापान में आधुनिक कविता आंदोलन के प्रमुख स्तंभ और ख्यातिलब्ध कवि और गीतकार शुनतारो तानिकावा अनंतकाल में विलीन हो गए। उन्होंने 13 नवंबर को 92 वर्ष की आयु में राजधानी टोक्यो के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके पुत्र केन्साकु तानिकावा ने मंगलवार को यह दुखद जानकारी उनके प्रशंसकों को दी।

जापान टुडे समाचार पत्र के अनुसार शुनतारो तानिकावा ने हाइकू और अन्य परंपरा से हटकर मानवीय कविता संसार रचा। उन्हें जापान में आधुनिक कविता आंदोलन का पुरोधा माना जाता है। तानिकावा ने कॉमिक स्ट्रिप ‘मूंगफली’ का अनुवाद किया। एनीमेशन शृंखला ‘एस्ट्रो बॉय’ का थीम सॉन्ग लिखा। शुनतारो तानिकावा ने 1952 में अपनी पहली कृति ‘टू बिलियन लाइट ईयर्स ऑफ सॉलिट्यूड’ से साहित्यिक जगत को चौंका दिया।

उन्होंने दो साल पहले एक साक्षात्कार में कहा था,” मेरे लिए जापानी भाषा जमीन है। एक पौधे की तरह मेरी उसमें जड़ें हैं। मैं जापानी भाषा के पोषक तत्वों को पीता हूं। पत्तियां-फूल उगाता हूं और फल पैदा करता हूं। तानिकावा ने टोक्यो ओलंपियाड-1964 पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्माण किया। इस फिल्म को जापानी भाषा के सरल प्रवाह के लिए जाना जाता है। उन्होंने बाल साहित्य पर भी काम किया। उनकी किताबें जापान में स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। उनकी गद्य कविता को पसंद किया गया है।

उनकी पहली लघु कविता उन्हें विरल बनाती है। वह है-”चूंकि ब्रह्माण्ड का विस्तार हो रहा है, हम सभी बेचैन हैं। दो अरब प्रकाश-वर्ष के एकांत की ठंडक के साथ, मुझे अचानक छींक आ गई।” वह इसे जीवनभर अच्छी कविता मानते रहे। शुनतारो तानिकावा का जन्म 1931 में हुआ था। उनके पिता टेटसुजो तानिकावा दार्शनिक थे। शुनतारो को किशोरावस्था में ही मकोतो ओका और शुजी तेरायामा जैसे उस युग के प्रसिद्ध कवियों का सानिध्य मिला। …और वह पढ़ाई छोड़कर कविताएं लिखने लगे।

(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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