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अनैतिक व्‍यवहार पर अंकुश लगाने के लिए ढांचा मजबूत करें बैंक बोर्ड: शक्तिकांत दास 

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का फाइल फोटो

मुंबई/नई दिल्ली, 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शिक्‍तकांत दास ने सोमवार को बैंकों के बोर्ड से अनैतिक व्यवहार पर अंकुश लगाने के लिए आंतरिक कामकाज के ढांचे को मजबूत करने को कहा। आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि बैंक कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहनों को सावधानीपूर्वक तय करना चाहिए, ताकि उन्हें अनैतिक व्यवहार में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन न मिले।

आरबीआई गवर्नर ने मुंबई आयोजित निजी क्षेत्र के बैंकों के निदेशक मंडल के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। शक्तिकांत दास ने बैंकों के निदेशक मंडल के सदस्यों से अनैतिक गतिविधियों जैसे उत्पादों की गलत बिक्री या उचित केवाईसी (अपने ग्राहक को जानिए) सत्यापन के बिना खाते खोलने पर अंकुश लगाने के लिए आंतरिक संचालन ढांचे को मजबूत करने को कहा।

शक्तिकांत दास ने निजी क्षेत्र के बैंकों के निदेशकों के सम्मेलन में कहा कि ऐसी प्रथाओं से अल्पकालिक लाभ हो सकता है लेकिन आखिर में इनसे बैंकों के प्रतिष्ठा को नुकसान, पर्यवेक्षी जांच और वित्तीय दंड जैसे महत्वपूर्ण दीर्घकालिक जोखिमों का सामना करना पड़ता है। उन्‍होंने आगे कहा कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र ऐसे दौर में है, जो अवसरों के साथ ही जोखिमों और चुनौतियों से भरा है। दास ने कहा कि पिछले साल मई में हमारी बैठक के बाद से सभी वित्तीय संकेतकों में सुधार हुआ है, जो बैंकिंग क्षेत्र के विभिन्न प्रतिभागियों के प्रयासों को दर्शाता है।

दास ने कहा कि प्रौद्योगिकी के बढ़ते चलन के साथ ही संगठनों को उल्लेखनीय चुनौतियों और जोखिमों से जूझना पड़ रहा है। आरबीआई गवर्नर ने बैंकिंग प्रणाली की जुझारू क्षमता को बरकरार रखने के लिए मजबूत बुनियादी बातों का लाभ उठाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आखिरकार अच्छा समय जुझारू क्षमता को मजबूत करने और स्थायी रूप से बढ़ने का सबसे बेहतर समय होता है।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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