Madhya Pradesh

मप्रः सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए दो सक्षमता केन्द्रों को मंजूरी

भोपाल, 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय संविधान के अनुच्छेद-275(1) के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के तहत विशेष विकास परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिये शत-प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में दी जाती है। यह राशि केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के जरिये राज्य सरकारों को सीधे आवंटित की जाती है। सिकल सेल एनीमिया रोग के जड़ से उन्मूलन (Root Out) के लिये केन्द्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 275(1) के तहत प्रदेश में दो उच्च स्तरीय देखभाल केंद्र (Centre Of Competence For Sickle Cell Disease) या कहें ‘सिकल सेल रोग के लिए सक्षमता केंद्र’ को मंजूरी दी गई है।

भोपाल में सिकल सेल रोग के लिये पहला सक्षमता केन्द्र

जनसम्पर्क अधिकारी घनश्याम सिरसाम ने सोमवार को बताया कि आईसीएमआर के भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, भोपाल में जनजातीय अनुसंधान संस्थान के सहयोग से स्थापित यह केंद्र ‘राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन’ में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक सिकल सेल उन्मूलन के दूरदर्शी लक्ष्य के साथ स्थापित यह अत्याधुनिक सुविधा, सिकल सेल के रोगियों को आधुनिक निदान, उन्नत उपचार और समग्र पुनर्वास सेवाओं सहित व्यापक देखभाल प्रदान करती है। यहां विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम के साथ यह केंद्र न केवल रोग के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि प्रभावित व्यक्तियों, विशेष रूप से जनजातीय समुदायों के भीतर जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सुरक्षित पुनर्वास पर भी जोर देता है। इस केन्द्र के जरिये सभी सिकल सेल मरीजों के लिए एक स्वस्थ, उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने की लक्ष्यपूर्ति के मिशन को बल मिलेगा। केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने इसके लिये करीब दो करोड़ रुपये मंजूर किये हैं।

दूसरा इंदौर में स्थापित हो रहा है

उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, इंदौर के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग एवं अत्याधुनिक मॉडल ब्लड सेंटर को सिकल सेल उन्मूलन मिशन- 2047 के तहत उच्च स्तरीय देखभाल केंद्र (सक्षमता केंद्र) के रूप में मंजूरी मिली है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्रीमोदी द्वारा की गई है। इस परियोजना के तहत यहां गुणवत्तापूर्ण इलाज किया जायेगा। इस सेंटर में चिन्हित किए गए रोगियों में आधुनिक मशीनों से पुनः रोग की पुष्टि करना (फाइनल डायग्नोसिस बनाना), रोग की गंभीरता एवं प्रकार का पता लगाने के अलावा सिकल सेल रोग के रोगियों की उच्च स्तरीय एवं आधुनिक उपचार एक ही छत के नीचे प्रदान की जायेंगी।

इसी प्रकार सिकल सेल एनीमिया के पेशेंट को विश्वस्तरीय, लुकोरिड्यूस्ड नेट टेस्टेड, रेडिएट रक्त एवं उसके घटक प्रदान करना। डे केयर सेंटर्स को सुसज्जित करना ताकि जिन रोगियों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन होना है उन्हें सुरक्षित एवं सरल तरीके से रक्त और उसके घटक प्रदान किया जा सके। स्वैच्छिक रक्तदान शिवरों का आयोजन करना जिससे रक्त और इसके घटकों की आपूर्ति बनी रहे। जीवन रक्षक पद्धति के रूप में बहुत गंभीर मरीजों में एफरेंस तकनीकी से रेड सेल एक्सचेंज करना। प्रसवपूर्व मामले में कोरियोनिक विलस सैंपलिंग (सीवीएस) की मदद से गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे में सिकल सेल रोग का पता लगाना, मॉलिक्यूलर प्रयोगशाला की स्थापना, नवजात शिशु में सिकल सेल का शीघ्र पता लगाना, सिकल सेल रोग के बारे में जनसाधारण, खासकर जनजातीय क्षेत्रों में जन जागरूकता अभियान चलाना, सिकल सेल से पीड़ित रोगियों में बोनमैरो ट्रांसप्लांट एवं जीन थेरेपी की संभावनाओं का पता लगाना एवं उन्हें इस हेतु तैयारियां करना सहित सिकल सेल के क्षेत्र में अनुसंधान और प्रशिक्षण भी दिये जाएंगे।

इस केन्द्र से इंदौर के समीपस्थ अलीराजपुर, धार, झाबुआ, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, उज्जैन, देवास आदि जिलों के मरीजों को सर्वाधिक लाभ मिलेगा। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए 1 करोड़ 91 लाख रुपये राशि आवंटित की है। यहां के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के परिसर में पहले से ही बुनियादी ढांचा मौजूद है, जिसमें नवीनीकरण और अन्य आवश्यक कार्य पूर्ण हो चुके हैं। अन्य आवश्यक उपकरणों के लिए शॉर्ट टेंडर जारी किया गया है। टेक्नीशियन और चिकित्सा कर्मचारियों के लिए ओरिएंटेशन का पहला भाग पूरा हो चुका है। यहां सिकल सेल कंसोर्टियम की स्थापना भी कर ली गई है और सभी विभागों से सम्पर्क स्थापित कर सिकल सेल रोग के रोगियों का उच्च स्तरीय इलाज देना भी शुरू कर दिया है।

100 होम-स्टे को मिली मंजूरी

जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि अनुच्छेद-275(1) के तहत ही केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को जनजातियों के आजीविका विकास से जुड़ी विशेष परियोजनाओं के लिये सहायता दी जाती है। इसके तहत प्रदेश में 100 जनजातीय ग्रामों में होम स्टे विकास के लिये केन्द्र सरकार द्वारा राशि आवंटित की गई है। इन 100 जनजातीय ग्रामों में प्रत्येक ग्राम में 5 लाख रूपये की लागत से होम-स्टे निर्माण के लिये जरूरी राशि जनजातीय कार्य विभाग को प्राप्त हो गई है। होम-स्टे के लिये शत-प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार द्वारा वहन की जा रही है।

आठ वन्या रेडियो स्टेशन के विकास के लिये मिली राशि

उन्होंने बताया कि केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा 275(1) के तहत प्रदेश में 8 वन्या रेडियो स्टेशन्स के सुदृढ़ीकरण के लिये भी विकास राशि प्रदान की गई है। इससे प्रदेश की सभी जनजातीयों की क्षेत्रीय बोली (Local Dialect) के विकास एवं संवर्द्धन में मदद मिलेगी। ये वन्या रेडियो स्टेशन जनजातियों की क्षेत्रीय बोली में ही संचालित किये जाएंगे।

वन्या संस्थान जनजातीय कार्य विभाग के अधीन एक प्रकाशन प्रतिष्ठान है। इसका मुख्य उद्देश्य मध्यप्रदेश के जनजाति समुदायों की संस्कृति, जीवनशैली और कलाओं का विभिन्न माध्यमों से अभिलेखीकरण, प्रकाशन और प्रसारण करना है। इसी श्रृंखला में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संकल्पना के पालन में जनजातीय क्षेत्रों में सामुदायिक रेडियो केन्द्रों का संचालन किया जायेगा। इससे विभिन्न जनजातीय समुदाय को अपने-अपने जिलों में चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी उनकी ही बोली में प्रदान की जायेगी। वन्या संस्थान द्वारा 8 सामुदायिक रेडियो केन्द्रों नालछा जिला-धार, भाबरा जिला-अलीराजपुर, मेघनगर जिला झाबुआ, बिजौरी जिला-छिन्दवाड़ा, चांड़ा जिला डिण्डौरी, खालवा जिला-खण्डवा, चिचौली जिला-बैतूल एवं सेसईपुरा जिला श्योपुर कला में लगभग 13 वर्षों से संचालित किये जा रहे हैं। इन केन्द्रों में विभिन्न विभागों से प्राप्त विज्ञापन, जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का समुचित प्रचार-प्रसार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कृषि संबंधी विभिन्न जन-उपयोगी कार्यक्रमों का प्रसारण स्थानीय बोलियों गोंडी. भीली, बैगानी, कोरकू एवं सहरिया में स्थानीय जनजातीय कलाकारों को आमंत्रित कर कार्यक्रम तैयार किये जाते हैं, जिससे भाग लेने वाले जनजातीय कलाकारों को मानदेय/पारिश्रमिक भी दिया जाता है।

इन वन्या रेडियो केन्द्रों का अब सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। शासकीय भवन होने के कारण इनकी मरम्मत जनजातीय कार्य विभाग द्वारा की जा रही है। भवन की मरम्मत के बाद यहां स्टूडियो के निर्माण एवं नवीन उपकरणों को स्थापित करने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा इन सभी रेडियो केन्द्रों को अपग्रेडेशन के लिये अनुच्छेद 275 (1) के तहत 5 करोड़ 20 लाख रुपये का प्रस्ताव अनुमोदित कर दिया गया है। इन रेडियो केन्द्रों के अपग्रेडेशन का कार्य जल्द से जल्द किया जायेगा।

(Udaipur Kiran) तोमर

Most Popular

To Top