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दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई भले ही 450 से नीचे आ जाए, बिना इजाजत ग्रैप-4 न हटायेंः सुप्रीम कोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट फाइल फोटो

दिल्ली-एनसीआर में 12वीं तक के सभी कक्षाओं को बंद करने का आदेश

नई दिल्ली, 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एनसीआर के सभी शहरों में ग्रैप-4 लागू होंगे। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने ग्रैप-4 के प्रावधान सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि फिलहाल हमारी इजाजत के बिना ग्रैप-4 को हटाया नहीं जाएगा, भले ही एक्यूआई 450 से नीचे आ जाए। ग्रैप-4 आज सुबह से लागू किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 12वीं तक सभी कक्षाओं को बंद करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो भी हाइवे, पुल जैसे निर्माण रोकने पर विचार करे। कोर्ट ने स्थिर सैटेलाइट से पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि ग्रैप-4 पहले लागू क्यों नहीं किया गया। ग्रैप-4 लागू करने में देरी क्यों की गई। जब एक्यूआई 13 नवंबर को 400 के पार कर गया था तो तीन दिनों के बाद ग्रैप-3 क्यों लागू किया गया। आपने प्रदूषण कम करने को लेकर क्या कार्रवाई की है। तब दिल्ली सरकार ने कहा कि हमने ग्रैप-4 लागू कर दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से पूछा कि आपने तीन दिन तक का इतंजार क्यों किया। जब एक्यूआई 300 से 400 तक पहुंच गया तब जाकर आपने ग्रैप-3 लागू किया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि दिल्ली के स्कूलों में नौवीं तक के बच्चों को स्कूल आने से रोका गया है। उनकी ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। ग्रैप-4 में भी बहुत सारी बातें सरकार पर निर्भर करती हैं। जैसे स्कूलों को बंद किया जाए या नहीं। हालाकि यह गंभीर मसला है। इसे सरकार के विवेक पर नहीं छोड़ा जा सकता।

कोर्ट ने पूछा कि ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश कौन रोकेगा और कैसे पता चलेगा कि जो ट्रक आ रहे हैं वे आवश्यक सामान ले जा रहे हैं या नहीं। तब कोर्ट को बताया गया कि इसकी जांच ट्रैफिक पुलिस करती है और उसके पास जरूरी वस्तुओं की लिस्ट होती है। कोर्ट ने पूछा कि निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसकी निगरानी कौन कर रहा है। क्या कोई साइट पर जाकर जांच कर रहा है। इस पर गोपाल शंकर नारायण ने कोर्ट को बताया कि अभी भी सुप्रीम कोर्ट के अंदर ही निर्माण कार्य चल रहा है। पत्थर तोड़े जा रहे हैं और हवा में धूल उड़ रही है। इस पर जस्टिस ओका ने गंभीरता दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को कोर्ट में पेश होने को कहा। कोर्ट ने कहा कि हम राज्यों को कमेटी गठित कर यह सुनिश्चित करने का निर्देश देंगे कि कोई निर्माण कार्य न हो।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि जैसे ही एक्यूआई 401 पार हुआ आपको तुरंत ग्रैप-3 लागू करना चाहिए था। आपने लागू करने के लिए 24 घंटे का इंतजार क्यों किया। कोर्ट ने कहा कि मौसम विभाग की भविष्यवाणियों पर भरोसा क्यों किया गया। एक बार जब एक्यूआई 300 पार हो गया तो ग्रैप 3 लागू करना चाहिए था। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि इस साल मौसम की स्थिति अलग रही है। पश्चिमी विक्षोभ था और इस तरह तापमान में अचानक गिरावट आई। तब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि यह अनुमान लगाने के बजाय कि एक्यूआई पार हो जाएगा और आप इसका इंतजार करेंगे और यह देखेंगे कि एक्यूआई नीचे जाएगा। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वो 21 नवंबर तक हलफनामा दायर कर ताजा स्टेटस रिपोर्ट बताएं। मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी।

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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह

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