देश-दुनिया के इतिहास में 19 नवंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। विश्व इतिहास में यह तारीख हर साल झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की याद दिलाती है। उनका जन्म 19 नवंबर 1828 को वाराणसी में मोरोपंत तांबे और भागीरथी बाई के यहां हुआ था। परिवार ने नाम रखा मणिकर्णिका। लोग प्यार से मनु कहकर पुकारने लगे । पिता मोरोपंत मराठा बाजीराव की सेवा में नियुक्त थे। बचपन में ही मनु की मां का निधन हो गया था।
अब उनकी देखभाल के लिए कोई नहीं था। इसलिए पिता उन्हें भी पेशवा बाजीराव द्वितीय के यहां ले जाने लगे। यहां लोग उनकी चंचलता देखकर छबीली पुकारने लगे। मनु ने शस्त्र विद्या और शास्त्र विद्या दोनों सीखनी शुरू कर दी। 1842 में उनकी शादी झांसी के राजा गंगाधर राव नेवालकर के साथ हो गई।
अब मनु झांसी की रानी लक्ष्मीबाई हो गई थीं। 1851 में उन्हें एक पुत्र हुआ, लेकिन चार महीने बाद उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद राजा गंगाधर का भी स्वास्थ्य बिगड़ गया। दत्तक पुत्र गोद लिया गया, नाम दामोदर राव रखा गया। 21 दिसंबर 1853 को राजा की मृत्यु हो गई। राज्य हड़प नीति के तहत बालक दामोदर राव के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया गया। मुकदमा खारिज हुआ।
ब्रिटिश अधिकारियों ने राज्य का खजाना हड़प लिया। उनके पति के कर्ज को रानी लक्ष्मी बाई के सालाना खर्च में काटना शुरू कर दिया। इसके बाद झांसी का किला छोड़कर लक्ष्मीबाई रानी महल में रहने लगीं। इस दौरान 1857 में पूरे देश में अंग्रेजी शासन को उखाड़ फेंकने के लिए बगावत शुरू हो गई। इसका केंद्र रहा झांसी। लक्ष्मीबाई ने लोगों को संगठित कर महिलाओं को प्रशिक्षण देना शुरू किया।
इसी साल झांसी पर ओरछा और दतिया के राजाओं ने आक्रमण किया लेकिन रानी ने इसे विफल कर दिया। 1858 जनवरी के अंत में ब्रिटिश सेना ने झांसी शहर पर कब्जा कर लिया। रानी अंग्रेजों से बचकर अपने बेटे दामोदर के साथ भागने में सफल हुईं। वह कालपी पहुंचीं और तात्या टोपे से मुलाकात की। तात्या टोपे और रानी की संयुक्त सेनाओं ने ग्वालियर के किले पर कब्जा कर लिया। 18 जून 1858 को ब्रिटिश सरकार से लड़ते-लड़ते रानी लक्ष्मी बाई वीरगति को प्राप्त हुईं।
महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1824ः रूस के सेंट पीटर्सबर्ग शहर में बाढ़ से दस हजार लोगों की मौत।
1895ः फ्रेडरिक ई ब्लेसडेल ने पेंसिल का पेंटेट कराया।
1933ः स्पेन में महिलाओं को मताधिकार का अधिकार मिला।
1951ः अमेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया।
1952ः स्पेन यूनेस्को का सदस्य बना।
1982ः नौवें एशियाई खेल दिल्ली में शुरू।
1986ः भारत में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू।
1977ः मिस्र के तत्कालीन राष्ट्रपति अनवर सादात की ऐतिहासिक इजराइल यात्रा।
1994ः भारत की ऐश्वर्या राय मिस वर्ल्ड चुनी गईं।
1995ः कर्णम मल्लेश्वरी ने भारोत्तोलन में विश्व कीर्तिमान बनाया।
1997ः कल्पना चावला अंतरिक्ष जाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
1998ः भारत समेत विश्व के कई देशों में लाखों लोग आकाश को देखते हुए निराश हुए, केवल जापान एवं थाईलैंड के निवासी ही दिवाली (उल्का पिंडों का पृथ्वी के वातावरण से टकराकर जलने का नजारा) मना सके।
1998ः कैंब्रिज स्थित इंटरनेशनल बायोग्राफिकल सेंटर ने भरनाट्यम की प्रख्यात नृत्यांगना कोमला वर्धन को वर्ष 1998 का वूमेन ऑफ द ईयर पुरस्कार के लिए चुना।
2000ः पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की मां नुसरल भुट्टो को दो वर्ष के कठिन कारावास की सजा।
2005ः पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने भारत को भूकंप पीड़ितों के हित में कश्मीर समस्या सुलझाने का सुझाव दिया।
2006ः भारत ने परमाणु ऊर्जा और यूरेनियम सप्लाई के लिए आस्ट्रेलिया का समर्थन मांगा।
2007ः अफगानिस्तान के दक्षिण पश्चिम प्रांत निमरोज में हुए आत्मघाती हमले में गवर्नर के बेटे समेत सात लोग मारे गए।
2008ः संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख मो. अलबरदेई को वर्ष 2008 के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय अवार्ड देने की घोषणा की गई।
2013ः लेबनान की राजधानी बेरूत में ईरानी दूतावास के समीप हुए दोहरे आत्मघाती बम धमाके में 23 लोगों की मौत।
जन्म
1828ः 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई।
1838ः ब्रह्म समाज प्रमुख संस्थापक केशव चन्द्र सेन।
1875ः प्रसिद्ध पुरातत्वविद रामकृष्ण देवदत्त भांडारकर।
1917ः भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी।
1918ः प्रसिद्ध इतिहासकार देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय।
1928ः विश्व प्रसिद्ध पहलवान और हिंदी फिल्मों के अभिनेता दारा सिंह।
1951ः हिंदी सिनेमा की अभिनेत्री जीनत अमान।
1971ः भाजपा नेता और केंद्रीयमंत्री किरण रिजिजू।
1975ः भारत की प्रथम मिस यूनिवर्स और अभिनेत्री सुष्मिता सेन।
निधन
1980ः प्रसिद्ध उपन्यासकार वाचस्पति पाठक।
1988ः भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एम. हमीदुल्ला बेग।
2015ः भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त आरके त्रिवेदी।
2020ः संथाली भाषा के विद्वान और पद्मश्री दिगम्बर हांसदा।
महत्वपूर्ण दिवस
-इंदिरा गांधी की जयंती।
(Udaipur Kiran) / मुकुंद