कानपुर, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । मौसम की बेरुखी कहें या जलवायु परिवर्तन का कारण, कुछ भी हो नवंबर माह का एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी सर्दी नहीं पड़ रही है। इससे सर्दियों के समय लगने वाला मेवा बाजार, गजक व गुड़ से बने उत्पादों का बाजार कमजोर है। इससे जुड़े लोग सर्दियों का इंतजार कर रहे हैं, ताकि बाजार में रौनक बढ़ सके।
मानसून वापसी के बाद आमतौर पर दीपावली के आसपास गुलाबी सर्दी पड़ने लगती है और नवंबर के पहले सप्ताह में ही सर्दी अपना रंग दिखने लगती है। इसको देखते हुए मेवा बाजार, गजक व गुड से बने उत्पाद के बाजार सजने लगे, लेकिन तापमान अभी भी सामान्य से अधिक चल रहा है जिसकी वजह से इन बाजारों में ग्राहकों की आमद कम है। आमतौर पर इस समय तक इन बाजारों में जबरदस्त रौनक आ जाती है और लोग गुड़ से बने खाद्य वस्तुओं का प्रयोग अधिक करते हैं, हालांकि ऐसे दुकानदारों को सर्दी का इंतजार है और बाजार पूरी तरह से सज चुके हैं। नमकीन बेकरी एवं गजक पेठा संगठन कानपुर के अध्यक्ष निर्मल त्रिपाठी ने रविवार को बताया की गजक गुड की बनी होती है लेकिन ठंड पड़ने पर ही इसकी मांग होती है। अन्य वर्षों की भांति इस वर्ष भी दीपावली के बाद गजक व गुड़ के उत्पादों का बाजार सज चुका है लेकिन ठंड न पड़ने से इन उत्पादों की मांग अभी नहीं है। अगले एक सप्ताह में उम्मीद है कि मौसम में बदलाव होगा और जैसे ही सर्दी तेज पड़ना शुरू होगी इन उत्पादों की मांग बढ़ेगी और बाजार में रौनक आ जाएगी। दि किराना मर्चेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अलंकार ओमर ने बताया कि सर्दियों में चिलगोजा, बादाम, खुबानी, अखरोट गिरी की मांग घर-घर में होती है। इस बार अभी ठंड ना पड़ने से इनकी मांग नाम मात्र की ही है। यह अलग बात है कि सहालग के चलते केवल काजू किशमिश की ही मांग दिख रही है। ठंड बढ़ने पर यह बाजार बेहतर होगा।
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(Udaipur Kiran) / अजय सिंह