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अब बाबू बनकर बैठे सफाई कर्मचारियों करनी होगी सफाई, नहीं ताे छाेड़नी पड़ेगी नाैकर

निगम

जयपुर, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । बाबू बनकर बैठे सफाई कर्मचारियों के खिलाफ अब हेरिटेज निगम सख्त एक्शन लेगा। राइजिंग राजस्थान से पहले जयपुर में सफाई व्यवस्था और सफाई कर्मचारियों को लेकर नगर निगम हेरिटेज एक्टिव मोड में आ गया है। ऐसे में निगम कार्यालय में बाबू बनकर बैठे सफाई कर्मचारियों को अपने मूल काम पर लौटना पड़ेगा। ऐसा नहीं करने पर न सिर्फ उनकी सैलरी रोकी जाएगी।

दरअसल जयपुर शहर में बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी अपने पद के विपरीत अलग – अलग विभागों में सफाई के अलावा दूसरा काम कर रहे हैं। वहीं कुछ सफाई कर्मचारी नगर निगम में ही बाबू बनकर बैठ गए हैं। इसको लेकर पार्षदों ने भी नगर निगम कमिश्नर और मेयर से शिकायत की थी। उन्होंने कहा था की सफाई कर्मचारियों के द्वारा अपना मूल काम नहीं करने की वजह से शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ रही है। ऐसे में जो भी सरकारी और प्राइवेट कर्मचारी सफाई कर्मचारी के पद पर निगम में भर्ती हुए है। उन्हें उनके मूल सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात कर फील्ड में काम करवाया जाए। इसके बाद अब नगर निगम मेयर ने सफाई कर्मचारियों को मूल पद पर लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।

लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त

नगर निगम हेरिटेज मेयर कुसुम यादव ने कहा कि जो जिस पद पर भर्ती हुआ है। उसे इस पद पर काम करना चाहिए। जब भर्ती के वक्त उन लोगों ने सफाई कर्मचारी बनकर नगर निगम में सेवा देने का वादा किया था। तो अब उन सभी लोगों को सफाई कर्मचारी के पद पर रहकर ही जयपुर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए काम करना चाहिए। वैसे भी बाबू और गजधर बनने के लिए अलग चयन प्रक्रिया है। सफाई कर्मचारी गजधर या बाबू के पद पर काम नहीं कर सकता है। नगर निगम हेरिटेज में इस तरह की लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी। अगर नगर निगम परिसर में कोई भी सफाई कर्मचारी सफाई के अलावा कोई और काम करता पाया गया। तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। क्योंकि अभी जयपुर को सफाई कर्मचारियों की सख्त जरूरत है। इस जरूरत के वक्त पर भी अगर सफाई कर्मचारी अपना मूल काम छोड़ ऑफिस में बैठ बाबू या गजधर के दूसरे काम करेंगे। तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा।

बता दें कि स्वायत शासन विभाग भी नगर निकाय क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों को अपने मूल पद पर सफाई का काम करने के आदेश जारी कर चुका है। जिसमें सफाई के अलावा कोई और काम करने वाले कर्मचारी का वेतन रोकने का भी प्रावधान है। लेकिन बावजूद इसके नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर दोनों में ही बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी पद के विपरीत दूसरे काम करने में जुटे हुए हैं। जिसकी वजह से शहर की सफाई व्यवस्था बेपटरी हो रही है।

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(Udaipur Kiran) / राजेश

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