कठुआ 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । गिरधारी लाल डोगरा मेमोरियल गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज हीरानगर के संगीत विभाग ने दयानंद पीजी कॉलेज कानपुर उत्तर प्रदेश के संगीत विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य दो प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच संगीत के क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाना है।
एमओयू हस्ताक्षर समारोह में दोनों कॉलेजों के प्राचार्यों और विभागाध्यक्षों सहित वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति देखी गई। जीएलडीएम जीडीसी हीरानगर की प्रिंसिपल डॉ. प्रज्ञा खन्ना ने संगीत विभाग के प्रमुख डॉ. भारत भूषण और सहायक प्रोफेसर डॉ. मुकेश कुमार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। दयानंद पीजी कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर वंदना निगम और संगीत विभाग की प्रभारी प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने प्रतिनिधित्व करते हुए सहयोग को औपचारिक रूप दिया।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. प्रज्ञा खन्ना इस बात पर जोर दिया कि यह साझेदारी छात्रों के शैक्षणिक और रचनात्मक कौशल को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान, इंटरैक्टिव कार्यक्रमों, विशेषज्ञ व्याख्यान और प्रदर्शनों को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है और आपसी विकास के लिए बौद्धिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग की सुविधा प्रदान करेगा।
डॉ. भारत भूषण ने बताया कि जीडीसी हीरानगर में संगीत विभाग द्वारा हस्ताक्षरित दूसरा राष्ट्रीय समझौता ज्ञापन है, जिसका उद्देश्य संगीत से संबंधित परियोजनाओं में सार्थक सहयोग को बढ़ावा देना है। उन्होंने इस समझौते के व्यावहारिक लाभों पर प्रकाश डाला, जिसमें छात्रों के लिए सीखने के अनुभव को समृद्ध करने के लिए कार्यशालाएं, सेमिनार और इंटर्नशिप आयोजित करना शामिल है। उन्होंने कहा कि यह सहयोग छात्रों को बेहतर प्लेसमेंट के अवसर और नवीन शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराएगा। दयानंद पीजी कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर वंदना निगम ने पुष्टि की कि यह समझौता ज्ञापन संगीत शिक्षा और अनुसंधान में नवीन पहल का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिससे छात्रों और शिक्षकों को समान रूप से लाभ होगा। 16 नवंबर, 2024 से प्रभावी यह समझौता दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों कॉलेजों ने विश्वास व्यक्त किया कि समझौता ज्ञापन दीर्घकालिक सहयोग को बढ़ावा देगा और समकालीन मांगों के अनुरूप संगीत शिक्षा की उन्नति में योगदान देगा।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया