बिहारशरीफ, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । नालंदा के जिला समाहर्ता शशांक शुभंकर ने बिहारशरीफ के अंचल अधिकारी प्रभात रंजन के विरुद्ध लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच करने का आदेश स्थानीय अपर समाहर्ता मंजीत कुमार को दिया है। इसके आलोक में अपर समाहर्ता के आदेश पर स्थानीय भूमि सुधार उप समाहर्ता ने आरोपों की जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता ने शनिवार को ही निर्धारित समय पर उपस्थित होकर आरोपों से सम्बंधित साक्ष्य व वांछित कागजातों की प्रतियां जमा कर दी है।शिकायतकर्ता अरुण कुमार मयंक ने दो माह पूर्व 19 सितम्बर को जिला समाहर्ता के यहां स्थानीय सीओ के खिलाफ गंभीर आरोपों का परिवाद पत्र दायर किया था।
परिवाद में लिखा है कि उनकी दादी इंद्रावती देवी जौजे स्व पत्तिचंद्र प्रसाद सिंह ने बिहारशरीफ के कमरुद्दीनगंज मोहल्ला की रैयत मौजा भैंसासुर थाना नं 122 में दो केवालों द्वारा कुल 16.25 जमीन खरीदीं। इसका म्युटेशन भी हुआ। इंद्रावती देवी के नाम से जमाबंदी भी कायम हुई। पुराने मूल पंजी ( रजिस्टर- 2 ) में इस जमाबंदी पर 16.25 डिसमिल जमीन दर्ज है। अचानक बिहारशरीफ के अंचल अधिकारी एवं राजस्व कर्मचारी ने मिल कर इंद्रावती देवी की जमाबंदी से एक डिसमिल जमीन ही घटा दी, जबकि इनकी दादी या परिवार के किसी सदस्य ने जमीन बेची ही नहीं है। अब ऑनलाइन पंजी में यह रकवा15.25 डिसमिल ही प्रदर्शित हो रहा है।
इस अनर्थ और मनमानेपन के विरुद्ध इंद्रावती देवी के पौत्र अरुण कुमार मयंक ने अवैध ढंग से घटाई गई 1 एक डिसमिल जमीन को फिर से उक्त जमाबंदी पर लाने के लिए 20/ 02/ 2024 को परिमार्जन ID No. 20240102004174 तथा पुनः 16/ 08/ 2024 को परिमार्जन प्लस ID No. 2408971139681 पर्याप्त साक्ष्य के साथ अंचल अधिकारी बिहारशरीफ को ऑनलाइन आवेदन दिया। राजस्व कर्मचारी ने अग्रेतर कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भी दिया, परन्तु अंचल अधिकारी कर्तव्यहीनता में डूबे हुए हैं।
इस बाबत मयंक ने सीओ पर आरोप लगाया कि सात माह से लगातार दौड़ रहा हूं। मेरे काम को 75 दिनों में हो जाना था। लेकिन अंचल अधिकारी को अपने कर्तव्यों की तनिक भी परवाह नहीं है। मैं ही नहीं, बिहारशरीफ के रैयत इनसे बुरी तरह तंग-ओ-तबाह हैं। उन्होंने अवैध ढंग से घटाई गई 1 एक डिसमिल जमीन को पुनः मेरी दादी की जमाबंदी पर वापस चढ़वा देने की प्रार्थना की। साथ ही निकम्मे व निष्क्रिय अंचल अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि उनके जैसे वकील-पत्रकार को अंचल अधिकारी ने दौड़ा-दौड़ा कर थका दिया है। डीएम ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया था। इस शिकायत के दो माह बाद सीओ के खिलाफ जांच शुरू कर दी गयी है।
(Udaipur Kiran) /प्रमोद
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(Udaipur Kiran) / प्रमोद पांडे