जोधपुर, 16 नवम्बर (Udaipur Kiran) । एम्स जोधपुर में गेटकीपर प्रशिक्षण कार्यशाला का डॉ. नीति रुस्तगी (प्रोफेसर, ष्टरूस्नरू विभाग) और डॉ. नव रतन सुथार (असोसिएट प्रोफेसर सीएमएफएम) के मार्गदर्शन में आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य गेटकीपर्स को प्रशिक्षित करना था ताकि वे बच्चों में बढ़ते आत्महत्या के जोखिम को कम करने में मदद कर सकें।
गेटकीपर वे व्यक्ति होते हैं जो स्कूल, समुदाय या परिवार में किसी व्यक्ति में मानसिक तनाव के विचारों को पहचानकर उनकी मदद करते हैं। स्कूल और कॉलेज में टीचर्स / प्रिंसिपल्स / वार्डन अथवा बाकि कर्मचारी गेटकीपर की महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं ।
वर्कशॉप में दोनों विशेषज्ञों ने यह बताया कि गेटकीपर का क्या रोल होता है और तनावपूर्ण बच्चों को कैसे पहचाना जा सकता हैं और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए किस तरीके से संवाद कायम करना चाहिए। इस कार्यशाला में सभी प्रतिभागी को बताया कि कैसे शिक्षक बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को समझ सकते हैं और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने और आत्महत्या की प्रवृत्तियों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आत्महत्या के खतरे को समझना और उसे पहचानने के बिना उसका समाधान संभव नहीं है। गेटकीपर्स की ट्रेनिंग से हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जो लोग आत्महत्या के उच्च जोखिम में हैं, उन्हें समय पर मदद मिल सके। इस वर्कशॉप को जोधपुर के सभी स्कूल और कॉलेज में आने वाले महीनों में आयोजित किया जायेगा।
(Udaipur Kiran) / सतीश