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राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर प्रेस का बदलता स्वरूप विषय पर संगोष्ठी आयोजित

प्रेस दिवस पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए

मंडी, 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आज यहां उपायुक्त कार्यालय के सभागार में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता उपायुक्त अपूर्व देवगन ने की। भारतीय प्रेस परिषद की ओर से प्रदत्त प्रेस का बदलता स्वरूप विषय पर एक संगोष्ठी भी इस अवसर पर आयोजित की गईए जिसमें जिला मुख्यालय स्थित विभिन्न समाचार पत्रों व मीडिया घरानों के वरिष्ठ संवाददाताओं ने अपने विचार रखे।

संगोष्ठी का शुभारम्भ करते हुए उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि प्रेस लोकतंत्र के चार स्तम्भों में से एक माना गया है। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर वर्तमान तक पत्रकारिता ने राष्ट्र के उत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय मूल्यों के संरक्षण एवं संवद्र्धन में भी मीडिया का बहुमूल्य योगदान रहा है। उन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान में किए गए प्रयासोंए कार्यों एवं प्रैस प्रतिनिधियों की उपलब्धियों पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि आज का यह दिवस पत्रकारिता के उच्च मूल्यों एवं सिद्धांतों पर अडग़ि रहते हुए कार्य करने की प्रेरणा भी देता है।

उन्होंने विश्वास जताया कि वरिष्ठ पत्रकार अपने युवा साथियों के साथ न केवल अपने अनुभव सांझा करेंगे अपितु उन तक पत्रकारिता की मूल्य रूपी विरासत का संचार भी करेंगे। उन्होंने कहा कि तथ्यपरक जानकारी लोगों तक पहुंचाने में मीडिया अपनी सक्रिय भूमिका निभाता आ रहा है। आधुनिक प्रौद्योगिकी के दौर में मिस-इन्फॉर्मेशन और डिस-इन्फॉर्मेशन के बीच सही सूचना लोगों तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

संगोष्ठी में भाग लेते हुए वरिष्ठ पत्रकार मुरारी शर्मा ने कहा कि आज हम तकनीकी विस्फोट के युग में रह रहे हैं और सूचनाओं का अनवरत प्रवाह एक चुनौती के रूप में सामने आया है। आजादी के समय पत्रकारिता एक मिशन के रूप में विकसित हुई और देश को स्वतंत्र करवाने के लिए कलम के सिपाहियों ने भी अपनी उल्लेखनीय भूमिका निभाई। स्वतंत्रता के उपरांत इसने देश के विकास की तस्वीर लोगों तक पहुंचाने का बीड़ा तो उठायाए मगर बदलते दौर के साथ पत्रकारिता पर व्यावसायिकता भी उतनी ही हावी होती चली गई। ऐसे में पत्रकारों के समक्ष भी कई तरह की चुनौतियां सामने आई हैं। वरिष्ठ पत्रकार धर्मप्रकाश गुप्ता ने कहा कि बदलते दौर में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि सामाजिक तौर पर प्रेस और जिम्मेवार कैसे बने। उन्होंने कहा कि तथ्यपरक समाचार से लेकर सूचना तक के इस सफर में पत्रकारिता ने कई बदलाव देखे हैं। ब्रेकिंग न्यूज के आज के दौर में प्रेस के समक्ष विश्वसनियता बनाए रखने की चुनौती निरंतर बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि आज के दौर में विशेषतौर पर प्रिंट मीडिया में स्थानीय समाचारों को प्रमुखता मिली है, मगर समाचारों का मूल्य बचाए रखने की चुनौती भी समक्ष है। उन्होंने संपादक संस्था को और सशक्त करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से वरिष्ठ पत्रकार मुनीष सूद ने कहा कि एक समय में टीवी, रेडियो एवं चुनिंदा समाचार पत्र ही सूचना प्राप्त करने के पारम्परिक माध्यम हुआ करते थे। वर्तमान में डिजिटल मीडिया का उपयोग उतरोत्तर बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमता एवं डाटा जर्नलिज्म के दौर में प्रेस प्रवेश कर चुकी है और ट्रेंडिंग न्यूज के चलन से असल मुद्दों पर पत्रकारिता करना एक चुनौती बन चुका है।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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