नाहन, 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश के निचले एवं मध्यवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में प्याज की उन्नत किस्मों पटना रेड, नासिक रेड, पालम लोहित, पूसा रेड, ए.एफ.डी.आर. तथा ए.एफ.एल.आर. इत्यादि की पौध की बिजाई करें।
लहसुन की उन्नत किस्मों जी.एच.सी.-1 या एग्रीफाउन्ड पार्वती की बिजाई पंक्तियों में 20 सेंटीमीटर व पौधों में 10 सेंटीमीटर की दूरी रखते हुए करें। निचले एवं मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में मटर की उन्नत किस्मों पालम समूल, पंजाब-89, आजाद पी.-1, आजाद पी.-3 एवं जी.एस.-10 की बिजाई 45 से 60 सेंटीमीटर पंक्तियों में तथा 10 से 15 सेंटीमीटर पौधे से पौधे की दूरी पर करें।
इन्हीं क्षेत्रों में मूली, गाजर व शलजम इत्यादि में अतिरिक्त पौधों की छंटाई करें तथा 7-10 सेंटीमीटर पौधे से पौधे की दूरी बनाए रखें। फूलगोभी, बन्दगोभी, ब्राकली, चाइनीज सरसों इत्यादि की रोपाई 45-60 सेंटीमीटर पंक्ति से पंक्ति तथा 30-45 सेंटीमीटर पौधे से पौधे की दूरी पर करें। गांठगोभी, पालक, लैटयूस, मेथी, धनियाँ व क्यूँ/बाकला आदि को भी लगाने/बोने का उचित समय है।
इसके अतिरिक्त खेतों में लगी हुई सभी प्रकार की सब्जियों में 10-15 दिन के अन्तराल पर सिंचाई और निराई-गुड़ाई करते रहें। सभी फसलों में खाद एवं उर्वरकों की अनुमोदित मात्रा का प्रयोग करें।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर