मोरीगांव (असम), 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । मोरीगांव जिला नेहरू युवा केंद्र की पहल पर और जीवन ज्योति कृषक संघ के सहयोग से आजाद भारत आंदोलन के सबसे लोकप्रिय आदिवासी युवा नेताओं में शुमार बिरसा मुंडा की आज यहां जयंती मनायी गयी है। बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को झारखंड में हुआ था। 9 जुलाई, 1900 को रांची की सेंट्रल जेल में उनकी मृत्यु हो गई।
वह भारतीय लोगों के लिए लगातार काम करते रहे। आदिवासी समुदाय के लोगों की तमाम समस्याओं समेत अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहे। वह ब्रिटिश शासन के विरोध में जेल में थे, 9 जून, 1900 को रांची की सेंट्रल जेल में उनकी मृत्यु हो गई । महज 24 साल के अंतराल में आदिवासी समुदाय के बीच भाषण देकर संघ आंदोलन खड़ा कर विश्व में पहचान बनाने वाले साहसी आदिवासी युवा नेता बिरसा मुंडा की आज जयंती है। देश के अन्य हिस्सों की तरह आज आदिवासी गौरव दिवस मोरीगांव जिला के थेकेरा हायर सेकेंडरी स्कूल में मनाया गया।
मोरीगांव जिला नेहरू युवा केंद्र और जीवन ज्योति कृषक संघ द्वारा आयोजित जन जातीय गौरव दिवस पर पूर्वी हिस्से में स्वच्छता, वृक्षारोपण के साथ-साथ गायन के साथ ही जनसभा के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्बी समाज के नेता अनंत खेलमा द्वारा आयोजित बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में भीम बर पातर ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में रोहा महाविद्यालय की छात्री साशबास्ती खेलमा, पल्लवी महंता, किश्तिना इंग्लेंग्पी, मौसमी महंता एवं रोहा कॉलेज के विद्यार्थियों हिस्सा लिया।
अखिल असम कृषक संघ के अध्यक्ष तुलसी डेका बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अपने संबोधन में उन्होंने उल्लेख किया कि स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारियों में से एक बिरसा मुंडा को सिर्फ आदिवासी लोगों को ही नहीं बल्कि, उन पर शोध करने की आवश्यकता है। विभिन्न प्रकार के तिवा गीतों और नृत्यों के प्रदर्शन के बाद कार्यक्रम का सफल समापन हुआ।
(Udaipur Kiran) / देबजानी पतिकर