नई दिल्ली, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के लिए ग्रेप-3 की पाबंदियों को दिल्ली सरकार सख्ती से लागू करेगी। इस बाबत पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ शुक्रवार काे बैठक कर दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण की समस्या को देखते हुए सीएक्यूएम के आदेश पर दिल्ली में ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियों को लागू करने का निर्णय लिया गया है। सभी सम्बंधित विभागों के साथ मीटिंग कर उनको सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए 106 शटल बस सेवा शुरू की गयी है और मेट्रो ट्रेनें 60 अतिरिक्त फेरे लगाएंगी।
दिल्ली में प्राइवेट निर्माण एवं विध्वंस कार्यों पर रोक लगा दी गई है। साथ ही बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (4 पहिया वाहन) के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है। प्रतिबंध को लागू कराने के लिए परिवहन विभाग की 84 टीमें और ट्रैफिक पुलिस की 280 टीमें लगायी गयी हैं। निर्माण कार्यों पर रोक की निगरानी के लिए सम्बंधित विभाग की टीमें लगातार निरीक्षण करेगी। सड़कों की मशीनीकृत सफाई के समय को बढ़ाया गया है। सड़कों पर सफाई के लिए 65 एम आर एस मशीनें एमसीडी की तरफ से चल रही हैं। अब इनका समय बढ़ा कर 6 बजे सुबह से 4 बजे शाम तक कर दिया गया है।
गोपाल राय ने कहा कि प्राइवेट निर्माण तथा विध्वंस के कार्यों पर प्रतिबंध रहेगा, साथ ही बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी के काम, पाइलिंग कार्य, ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाने का कार्य, ईंट/चिनाई का काम, आरएमसी बैचिंग प्लांट का संचालन, प्रमुख वेल्डिंग और गैस-कटिंग कार्य (हालांकि मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग कार्यों के लिए छोटी वेल्डिंग गतिविधियों की अनुमति होगी), पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग कार्य, सीमेंट, प्लास्टर/अन्य कोटिंग्स का कार्य (मामूली इनडोर मरम्मत/रखरखाव कार्य को छोड़कर), पत्थरों और अन्य फर्श सामग्री को काटना/पीसना और लगाने का कार्य (मामूली इनडोर मरम्मत/रखरखाव कार्य को छोड़कर), वाटर प्रूफिंग कार्य (रासायनिक वाटर प्रूफिंग को छोड़कर), प्राइवेट सड़क निर्माण, परियोजना स्थल के अंदर/बाहर कहीं भी सीमेंट, फ्लाई-ऐश, ईंट, रेत, मुरम, कंकड़, तोड़ा हुआ पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग/अनलोडिंग का कार्य, कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही का कार्य, विध्वंस अपशिष्ट के ट्रांसपोटेशन का कार्य आदि पर प्रतिबंध रहेगा।
इन परियोजनाओं को मिली छूट
रेलवे सेवाओं और स्टेशनों के लिए परियोजनाएं, मेट्रो रेल सेवाओं और स्टेशनों के लिए परियोजनाएं, हवाई अड्डे और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल के लिए परियोजनाएं, राष्ट्रीय सुरक्षा/रक्षा संबंधी गतिविधियां/राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं, अस्पताल/स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं सम्बन्धी परियोजनाएं, लीनियर सार्वजनिक परियोजनाएं जैसे राजमार्ग, सड़कें, फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज, पावर ट्रांसमिशन/वितरण, पाइपलाइन, दूरसंचार सेवाएं (केवल गैर-खुली कार्यों के लिए), स्वच्छता परियोजनाएं जैसे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और जलापूर्ति परियोजनाएं आदि को प्रतिबंध से छूट मिली है।
गोपाल राय ने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (4 पहिया वाहन) के चलने पर सख्त प्रतिबंध रहेगा, साथ ही बीएस-3 स्टैंडर्ड या इससे नीचे के दिल्ली रजिस्टर्ड डीजल मीडियम गुड्स वीकल (एमजीवी) अब दिल्ली में नहीं चल सकेंगे। बीएस-3 और इससे नीचे के डीजल एल सी वी मीडियम गुड्स करियर जो दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हैं, उन्हें दिल्ली में नहीं आने दिया जाएगा। जरूरी सामान और सेवा से जुड़े वाहनों को इसमें छूट है। एनसीआर से आने वाली इंटरस्टेट सिर्फ इलेक्ट्रिक बसों, सीएनजी बसों और बीएस-6 डीजल बसों को आने की छूट दी गई है। साथ ही ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बसों, टेम्पो ट्रैवलर को भी छूट दी गई है। प्रतिबंध को लागू कराने के लिए परिवहन विभाग के 84 टीम और ट्रैफिक पुलिस की 280 टीम लगायी गयी है। अगर इसका कोई उल्लंघन करता है तो 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी