पूर्वी चंपारण,15 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित शाह ऑडिटोरियम में आगामी 3 और 4 दिसबंर को दो दिवसीय बिहार महोत्सव का आयोजन किया जायेगा।
मोतिहारी में शुक्रवार को इसकी जानकारी देते बिहार महोत्सव के प्रणेता एवं संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के इज़ेडसीसी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य प्रसाद रत्नेश्वर ने बताया कि महोत्सव में इस वर्ष बड़ी संख्या बिहारी समाज के लोग जुटेगे।जिसमे वैसे लोग भी शामिल होगे ,जिन्होने अपने गाँव – गिरांव से दूर आकर राष्ट्रीय राजधानी में अपनी कामयाबी का परचम लहरा रहे है।
इसके साथ ही वे सभी निश्चछल बिहारी श्रमजीवी शख्सियत भी इसमे शिरकत करेगे। जिन्होने अपने कंठ में मां सरस्वती और बाजुओं में भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद लेकर दिल्ली को गढ़ा है।उन्होंने बताया कि दिल्ली में बिहार महोत्सव की तैयारी जोरों पर है।
बीते 41 वर्षों से मोतिहारी,पटना और दिल्ली के रंगमंच पर सक्रिय प्रसाद रत्नेश्वर ने कहा कि दिल्ली में बिहार महोत्सव अपनों के बीच अपनेपन का एक नया अहसास है।उन्होने बताया कि देश की राजधानी में बिहार महोत्सव की शुरुआत उन्होने 21 वर्षों पहले वर्ष 2003 में मोतिहारी से जाकर की थी। उस समय दिल्ली में सरकारी या गैर – सरकारी स्तर पर बिहार महोत्सव का का आयोजन नहीं होता था। 6 – 7 दिसम्बर , 2003 को ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित इस्कॉन में इसका प्रथम सफल आयोजन किया था। इस बार के आयोजन में भी चार सौ से अधिक लोक कलाकार भाग ले रहे हैं। माहौल बनाने के लिए अभी से बिहार महोत्सव की टीम दिल्ली के अलग- अलग हिस्सों में नुक्कड़ नाटक व लोकगीतों के माध्यम से बिहारियों को अपनी गौरवशाली कला – संस्कृति पर गर्व करने , धरोहरों को सहेजने तथा आपस में एकजुट होने के लिए प्रेरित कर रही है।
आयोजन को सफल बनाने के लिए समिति का गठन किया गया है। दिल्ली में कामयाब बिहारी भाईयों में तनवीर हसन, सुधाकर शरण , मोहन कुमार गुप्ता , राकेश कुमार वर्मा, संजीव सेठ, हरिशंकर सिंह, नीरज कुमार, दीपक मिश्रा एवं अन्य की अगुवाई में उपसमितियां गठित की गयी हैं।बिहार महोत्सव की 21 वीं वर्षगांठ पर दिल्ली के बिहारियों में आत्मीयता बढ़ाने के लिए गठित ‘ बिहारी दोस्त ‘ की परिकल्पना मूर्त रूप ले रही है। राष्ट्रीय एकता और विश्व बंधुत्व की एक सांस्कृतिक पहल के रूप में आरम्भ किये गये इस महोत्सव की इस वर्ष की थीम है -कला – संस्कृति के क्षेत्र में विशेष राज्य का लोक रस-रंग। भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जन्मतिथि पर बिहार महोत्सव का सांस्कृतिक अनुष्ठान किया जा रहा है। लिटरेचर फेस्टिवल , थियेटर और शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल जैसे महत्वपूर्ण आयोजन होंगे वहीं सैकड़ों बिहारी लोक कलाकार अपने पारम्परिक लोकगीत , नृत्य , संगीत , नृत्य – नाटिका का प्रदर्शन करेंगे। सम्पूर्ण आयोजन पूर्णतया निःशुल्क और सबके लिए है।उन्होने बताया कि बिहार महोत्सव आयोजन बिहारियों के तन-मन और धन से आयोजित हो रहा है।
(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार