लखनऊ, 15 नवम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के हैदरगढ़ और अमेठी के जगदीशपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर दो स्थानों पर मेटेनेंस कार्य पूर्ण हो गये है। बीते दिनों पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बनाने वाली कम्पनियों ने अपने कार्य क्षेत्र में दरार दिखने की शिकायत मिलने पर मेटेनेंस कार्य पूर्ण किया है।
गौरतलब है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बनते वक्त तमाम कम्पनियों ने कार्य पाया था। प्रत्येक कम्पनी को कुछ किलोमीटर तक का कार्य मिला था। एक्सप्रेस वे बनाने में कम्पनियों ने उत्तम से उत्तम मैटेरियल का उपयोग किया था। इससे पहले कम्पनियों से उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे इण्डस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथारटी (यूपीईडा) के अधिकारियों ने पांच वर्षो का अनुबंध कराया था। अनुबंध के अनुसार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण में कम्पनी ने जितने किलोमीटर का निर्माण कार्य किया है, उसका मेटेनेंस भी आगे वही कम्पनी देखेगी। यह शर्त रखी गई है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर निर्माण कार्य कराने वाली एक कम्पनी के अधिकारी रोहित ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे भारी भरकम वाहनों का आवागमन होता है। जिसके कारण कई बार रोड पर डैमेज होता है। रोड बराबर नहीं दिखती है, कुछ ऊपर नीचे दिखायी पड़ती हैं। कई बार दरार भी दिखती है। जिसका समय रहते ही मेटेनेंस कराया जाता है। अभी ऐसे ही मेटेनेंस के कार्य को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर किया गया है।
— समय और वाहन तेल दोनों बचाता है पूर्वांचल एक्सप्रेस वे
लखनऊ से जगदीशपुर, अम्बेडकर नगर, सुलतानपुर, गाजीपुर, बलिया जैसे स्थानों तक यात्रा करने वाले लोगों को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बेहद पसंद है। लोगों का मानना है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से यात्रा करने पर उनका समय भी बचता है और वाहन का तेल भी।
— सीईओ, एसीईओ जैसे अधिकारियों की देखरेख में एक्सप्रेस वे
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में बनकर तैयार हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर यूपीईडा के सीईओ एवं मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और एसीईओ श्रीहरि प्रताप शाही जैसे अधिकारियों की देखरेख रहती है। एसीईओ श्रीहरि प्रताप माह के अंत तक प्रदेश के सभी एक्सप्रेस वे की स्थितियों की जानकारी करते हैं। जिसमें पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को पहली वरीयता दी जाती है।
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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र