Madhya Pradesh

मप्रः मुख्य सचिव से राज्य प्रशासनिक सेवा के 43 परिवीक्षाधीन डिप्टी कलेक्टर्स ने की शिष्टाचार भेंट

मुख्य सचिव से राज्य प्रशासनिक सेवा के 43 परिवीक्षाधीन डिप्टी कलेक्टर्स ने की शिष्टाचार भेंट

– जनसामान्य तक पहुंचकर उन्हें केंद्र में रखकर कार्य करने की आवश्यकता: मुख्य सचिव जैन

भोपाल, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव अनुराग जैन से गुरुवार को मंत्रालय में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) से चयनित राज्य प्रशासनिक सेवा के 43 परिवीक्षाधीन डिप्टी कलेक्टर्स ने परिचयात्मक प्रशिक्षण की समाप्ति पर शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी के महानिदेशक जेएन कंसोटिया एवं सत्र संचालक नंदा भलावी कुशरे उपस्थित थीं।

मुख्य सचिव जैन ने राज्य प्रशासनिक सेवा के परिवीक्षाधीन डिप्टी कलेक्टर्स को नवदायित्व एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं एवं बधाई दीं। उन्होंने नवनियुक्त अधिकारियों को राष्ट्रीय एकता, अखंडता एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों से अवगत कराया और उन्हें सफल प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए अभिप्रेरित किया। उन्होंने अधिकारियों को प्रशासनिक कार्यप्रणाली के अनुरूप कार्यशैली से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। मुख्य सचिव जैन ने कहा कि अधिकारियों में समाज के सेवक का भाव हो और उनकी कार्यशैली में मानवीयता एवं संवेदना का सदैव प्रकटीकरण हो। जनसामान्य हम तक आसानी से नहीं पहुँच पाते हैं, हमे उन तक पहुँच कर और उनको केंद्र में रखकर कार्य करने की आवश्यकता है।

जैन ने कहा कि सत्यनिष्ठा प्रशासनिक अधिकारियों का अनिवार्य गुण होना चाहिए। वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप तकनीकी उन्नति से अद्यतन रहना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमेशा बेहतर से बेहतरीन की संभावना बनी रहती है, इसलिए अपने कार्यों को बेहतर करने का प्रयास करें और सेवा में आने का अपना मुख्य उद्देश्य हमेशा याद रखें। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को नवाचारी विचारों को साझा करने को भी कहा। उन्होंने सदाचरण के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन जीने के लिए मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु वेतन ही पर्याप्त है, इसलिए अनुचित आचरण से सावधान रहें।

मुख्य सचिव जैन ने कहा कि कार्यशैली में पारदर्शिता, ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के बल पर, अधिकारी अपनी अलग पहचान स्थापित कर सकते हैं। जन-आकांक्षाओं और जनहित की पूर्ति के लिए प्रतिबद्धता से कार्य करें एवं शासन की मंशा अनुरूप विकसित मध्य प्रदेश की संकल्पना को साकार करने में सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास में अपनी भूमिका एवं दायित्व का पूर्ण निष्ठा के साथ निर्वाहन करें। मैदानी स्तर तक जाकर शासन की कार्यप्रणाली का अध्ययन कर जनकल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

परिवीक्षाधीन अधिकारियों का परिचयात्मक प्रशिक्षण

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित राज्य प्रशासनिक सेवा के 43 परिवीक्षाधीन डिप्टी कलेक्टर्स को आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी भोपाल में 10 जून 2024 से 26 जुलाई 2024 तक 7 सप्ताह का आधारभूत प्रशिक्षण दिया गया। इसके उपरांत 29 जुलाई 2024 से 14 नवंबर 2024 तक 16 सप्ताह की अवधि में डिप्टी कलेक्टर्स के लिए जिलों में उनके विशिष्ट एवं मूलभूत कार्य से संबंधित बारिकियॉं सिखाने के लिए ‘’परिचयात्मक प्रशिक्षण’’ दिया गया। इस प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर्स को संविधान, कानून नियमों और नीतियों की जानकारी तथा विभिन्न आवश्यक अधिनियम जैसे भू-राजस्व अधिनियम, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम की भी जानकारी दी गई। भू-सर्वेक्षण एवं पुलिस प्रशासन से संबंधित जानकारी से भी अवगत कराया गया है।

परिचयात्मक प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर्स को प्रशासनिक और कानूनी कार्यों में दक्ष बनाना, नेतृत्व कौशल प्रदान करना और संवेदनशील प्रशासन के लिए जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी को समझाना है। प्रशिक्षु अधिकारियों के द्वितीय चरण का प्रशिक्षण 21 अप्रैल 2025 से 2 मई 2025 तक प्रशासन अकादमी में आयोजित किया जाएगा।

(Udaipur Kiran) तोमर

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