Chhattisgarh

बाल दिवस पर स्कूलों में महिला एवं बाल विकास विभाग व चाइल्ड हेल्पलाईन द्वारा दी गई जानकारी

कार्यक्रम में जानकारी देते हुए अधिकारी।

धमतरी, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) ।कलेक्टर नम्रता गांधी के निर्देश और जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जगरानी एक्का तथा जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक के मार्गदर्शन में बाल दिवस के अवसर पर चाइल्ड हेल्प लाईन 1098 द्वारा जिले के मेनोनाईट इंग्लिश स्कूल धमतरी और स्वामी आत्मानंद हायर सेकेण्डरी स्कूल हटकेशर धमतरी में विद्यार्थियों को आवश्यक जानकारी दी गई। जिला समन्वयक नीलम साहू ने बच्चों के अधिकार, बाल श्रम, लैंगिक अपराधों बालकों की संरक्षण अधिनियम 2012, किशोर न्याय अधिनियम बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम 2015 इत्यादि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान, बाल विवाह को खत्म करने के लिए चलाया जाने वाला एक सामाजिक अभियान है। इस अभियान का मकसद वर्ष 2030 तक देश से बाल विवाह को खत्म करना है। इस अभियान को महिला कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों का नेतृत्व मिलता है तथा इस अभियान के तहत, देश के 300 से ज़्यादा ज़िलों में काम किया जा रहा है।

अभियान के तहत किए जाने वाले कार्यों की जानकारी देते हुए बताया गया कि बाल संरक्षण के लिए मौजूदा कानूनों और नीतियों को लागू करने पर ज़ोर दिया जाता है। इसके तहत विवाह के लिए कन्या की आयु 18 वर्ष और वर की आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बाल विवाह करने वाले वयस्क पुरुष या बाल विवाह कराने वालों को दो वर्ष की कठोर कारावास या एक लाखका जुर्माना या दोनों सज़ा से दंडित किया जा सकता है। साथ ही गुड-टच, बेड-टच की जानकारी भी दी गई। विद्यार्थियों को सहज तरीके से जागरूक करते हुए जानकारी दिया गया कि अपनी रक्षा अपने हाथ में है, जब भी कोई व्यक्ति आपको ग़लत तरीके से छुए ऐसी स्थिति में तीन काम करना है 1. तुरन्त उस व्यक्ति को जोर से ना कहो…मना करो और रोको 2. उस जगह से दूर हो जाओ किसी सुरक्षित जगह पर जाओ जहां और भी लोग हो 3. जिस बड़े व्यक्ति पर भरोसा हो, उसे यह बात जरूर बताओ।

चाइल्ड हेल्प लाईन टीम मेंबर मनीषा निषाद ने बताया कि बाल तस्करी, कोई बच्चा को बाल मजदूरी करा रहा हो, बच्चा को छोड़ व फेंक दिया हो, भिक्षावृत्ति कर रहे हो, नशे में लिप्त हो, भीख मांग रहा हो, मोबाइल की लत से ग्रसित, बच्चा को आश्रय की आवश्यकता हो, जिसके माता-पिता नहीं हो, ऐसे बच्चे की देखभाल एवं सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए 24 घंटे चलने वाले आपातकालीन फोन काल सेवा हैं। ’’एक नंबर जो लइका मन की जिंदगी बदल दीही, लईका मन के मदद बर चाईल्ड हेल्प लाईन 1098’’ पर अवश्य सूचना दे। इस अवसर पर स्कूलों के प्राचार्य, शिक्षकगण, बड़ी संख्या में विद्यार्थी और चाईल्ड लाईन के टीम मेंबर्स उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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