Haryana

जींद का नागरिक अस्पताल हकीकत से काेसाें दूर रही माॅक ड्रिल

मॉक ड्रिल के दौरान जानकारी हासिल करते हुए एडीसी।

भगवान न करे सच में हाे जाए काेई बड़ा हादसा

एक साल से खराब पड़ा है आक्सीजन प्लांट

चिकित्सकाें की है भारी कमी

एडीसी व अधिकारियाें ने देखा सब अच्छा, दाखिल मरीजाें से नहीं लिया फीडबैक

जींद, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में गुरूवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान एडीसी विवेक आर्य, सीएमओ डा. गोपाल गोयल, डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला, डिप्टी सीएमओ डा. रमेश पांचाल सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी भी मौजूद रहे। मॉक ड्रिल के दौरान एडीसी के समक्ष स्वास्थ्य अधिकारियों ने सबकुछ अच्छा दिखाने का प्रयास किया। आईसीयू सही तरीके से काम मिलता मिला और इमरजेंसी में भी चिकित्सक काम करते हुए पाए गए। जबकि सच्चाई यह है कि अस्पताल में मौजूद ऑक्सीजन प्लांट एक साल से खराब है। चिकित्सकों की भारी कमी है।

200 बैड के अस्पताल में लोगों को उपचार के लिए भटकना पड़ता है। मॉक ड्रिल सुबह शुरू होती है। जिसमें एक के बाद एक एंबुलेंस आती हैं और मरीजों को तुरंत स्ट्रेचर से उपचार के लिए नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में लाया जाता है। यहां नागरिक अस्पताल के चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्यकर्मी पहले से ही तैयार हैं। जैसे ही एक के बाद एक मरीज आते हैं तो उन्हें उपचार देने का सिलसिला शुरू हो जाता है। स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ चिकित्सक भी पूरी फूर्ति से सभी के उपचार में लग जाते हैं। हालांकि अस्पताल में मौजूद लोगों को बाद में पता चलता है कि यह मॉक ड्रिल थी तो वो राहत की सांस लेते हैं।

मॉक ड्रिल को लेकर सुबह आठ बजे से ही सिविल अस्पताल का पूरा प्रशासन मुस्तैद रहा। एडीसी, डॉक्टर, स्टाफ नर्स, सफाईकर्मी, वार्ड ब्वाय सहित अन्य कर्मियों को अपनी-अपनी जगह पर तैनात कर दिया गया था। वहीं दवाइयां, स्ट्रेचर, ट्रॉली व अन्य जरूरी चीजों को भी अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के बाहर उनकी सही जगह पर रख दिया गया था। अस्पताल के बाहर स्ट्रेचर पर चादर ओढाई गई थी। अस्पताल की इमरजेंसी में स्ट्रेचर व ट्रॉली को यथावत रखा गया। मॉक ड्रिल के दौरान मरीज के आने पर इन्हीं पर डाल कर उनको इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया। मॉक ड्रिल के दौरान एंबुलेंस विभाग की भूमिका भी देखी गई। यह देखा गया कि कैसे गंभीर स्थिति में मरीज को कितनी जल्दी अस्पताल में लाया जा सकता है।

अगर एंबुलेंस अस्पताल के मुख्य गेट पर खड़ी होती है तो वहां रास्ता तो बाधित नहीं होता है। एंबुलेंस में साथ रहने वाला ईएमटी कैसे मरीज की मदद करता है। सबका लेखा-जोखा तैयार किया गया। नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में मॉक ड्रिल की गई थी। इसे लेकर स्वास्थ्य विभगा भी पूरी तरह से मुस्तैद रहा। अस्पताल में तैनात सभी कर्मियों ने पूरी मुस्तैदी से काम किया। सीएमओ डा. गोपाल गोयल ने कहा कि मॉक ड्रिल का आयोजन करवाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि यदि कोई भी आपातकालीन स्थिति आती है तो उससे निपटने के लिए हम तैयार रहें। हमें इस स्थिति में घबराना नहीं चाहिए बल्कि स्थिति से किस प्रकार निपटा जा सकता है इसके लिए कार्य करना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है।

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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा

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