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चेन्नई में सरकारी डॉक्टर पर चाकू से हमला, आईएमए की हमलावर पर सख्त कदम उठाने की मांग

चेन्नईः डाक्टर पर अस्पताल में हमले के बाद मीडिया से बातचीत करते तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन

नई दिल्ली/चेन्नई, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । तमिलनाडु में चेन्नई के गुइंडी में कलैगनार सेंटेनरी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (केसीएसएसएच) में बुधवार को कुछ लोगों ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर डॉ. बालाजी जगन्नाथ को चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। कथित तौर पर एक मरीज के रिश्तेदार द्वारा किए गए इस हमले को सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा और स्टाफ की स्थिति से जोड़कर देखा जा रहा है, जिस पर चिकित्सा पेशेवरों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

डॉ. बालाजी जगन्नाथ अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग में ड्यूटी पर थे, जब पेरुंगलाथुर के 26 वर्षीय आरोपित विग्नेश ने उनसे संपर्क किया। स्थानीय पुलिस के अनुसार विग्नेश और तीन दोस्त विग्नेश की मां से मिलने के लिए सुबह करीब साढ़े दस बजे अस्पताल पहुंचे। एक बार अंदर जाने के बाद वे कथित तौर पर महिला की बिगड़ती हालत को लेकर डॉ जगन्नाथ के साथ गरमागरम बहस में उलझ गये और उन्होंने डाक्टर ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया।

पुलिस के अनुसार विग्नेश ने कथित तौर पर रसोई में इस्तेमाल होने वाला चाकू निकालकर डॉ. जगन्नाथ पर हमला किया। चाकू से उनकी गर्दन पर वार किया गया और उनके सिर और शरीर के ऊपरी हिस्से पर भी चोटें आईं। प्रत्यक्षदर्शियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और डॉक्टर को आईसीयू में ले गए, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

सरकारी डॉक्टर पर हमला करने की घटना का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कड़ी निंदा की है और राज्य सरकार से चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता कदम उठाने की मांग की है। आईएमए ने बुधवार को अपने बयान में कहा कि चेन्नई में कलैगनार सेंटेनरी अस्पताल में ड्यूटी के दौरान ओन्को सर्जन डॉ. बालाजी को एक मरीज ने एक के बाद एक सात वार कर घायल कर दिया। डॉक्टर का काफी खून बह गया। इससे साफ जाहिर होता है कि तमाम घटनाओं के बाद भी डॉक्टरों की सुरक्षा अधर में है। आईएमए के अध्यक्ष डॉ आर वी अशोकन ने कहा कि इस घटना को देख कर पता चलता है कि डॉक्टर कितने असुरक्षित हैं। सरकार के नियम कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। इस तरह की घटना को रोकने के लिए सख्त नियमों की आवश्यकता है। देश के डॉक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं।

मीडिया से बातचीत में उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं और घटना की विस्तृत जांच का वादा किया। स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने डॉक्टरों की कमी की खबरों को खारिज कर दिया और इसे कुछ समूहों द्वारा फैलाई गई झूठी खबर बताया। उन्होंने कहा कि विभाग फरवरी तक डॉक्टरों के लिए 3,505 रिक्तियों को भरेगा और विभाग इस सप्ताह 1,271 नर्सों की भर्ती भी करेगा।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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