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देश के 11,098 किमी. लंबे समुद्र तट की सुरक्षा परखने को ‘सी विजिल’ अभ्यास 20-21 नवंबर को

तटीय रक्षा अभ्यास 'सी विजिल' (फाइल फोटो)

– गुजरात, दमन और दीव, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में एक साथ होगा तटीय रक्षा अभ्यास

नई दिल्ली, 13 नवम्बर (Udaipur Kiran) । देश के 11,098 किमी. लंबे समुद्र तट की सुरक्षा परखने के लिए भारतीय नौसेना 20 एवं 21 नवंबर को तटीय रक्षा अभ्यास ‘सी विजिल’ करेगी। पश्चिमी नौसेना कमान के अधीन यह अभ्यास गुजरात, दमन एवं दीव, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में एक साथ होगा। इसमें तटीय रक्षा और सुरक्षा से जुड़ी सभी केंद्रीय और राज्य एजेंसियां ​​भाग लेंगी। साथ ही राज्य समुद्री पुलिस, तटरक्षक बल, सीमा शुल्क, मत्स्य पालन आदि के कर्मी भी होंगे।

नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि ‘पैन-इंडिया’ तटीय रक्षा अभ्यास ‘सी विजिल का चौथा संस्करण अभूतपूर्व पैमाने पर होगा, जिसमें 06 मंत्रालय और 21 संगठन/एजेंसियां ​​शामिल होंगी। अभ्यास का तटीय रक्षा एवं सुरक्षा तत्परता मूल्यांकन चरण 24 अक्टूबर के अंत से सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (लक्षद्वीप और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह सहित) में संचालित किया जा रहा है, जिसमें संपूर्ण तटीय रक्षा और सुरक्षा बुनियादी ढांचे का गहन ऑडिट किया जा रहा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के अधिकारी भी पहली बार भारतीय नौसेना के नेतृत्व वाली सीडीएसआरई टीमों का हिस्सा होंगे। साथ ही राज्य समुद्री पुलिस, तटरक्षक बल, सीमा शुल्क, मत्स्य पालन आदि के कर्मी भी होंगे। इस अभ्यास में तटीय संपत्तियों जैसे बंदरगाहों, तेल रिगों, सिंगल पॉइंट मूरिंग्स, केबल लैंडिंग पॉइंट्स और तटीय आबादी सहित महत्वपूर्ण तटीय बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस वर्ष भारतीय सेना और वायु सेना की भागीदारी और बड़ी संख्या में जहाजों और विमानों की तैनाती ने अभ्यास की गति को बढ़ा दिया है।

दरअसल, 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद तटीय रक्षा को मजबूत करने के लिए अपनाए गए उपायों को बढ़ाने के लिए 2018 में ‘सी विजिल’ को डिजाइन किया गया था। पूरे 11,098 किलोमीटर लंबे समुद्र तट और 2.4 मिलियन वर्ग किलोमीटर के विशाल आर्थिक क्षेत्र को शामिल करते हुए यह व्यापक अभ्यास तटीय सुरक्षा बुनियादी ढांचे और मछली पकड़ने वाले समुदाय और तटीय आबादी सहित सभी समुद्री हितधारकों को एक साथ शामिल करेगा। इस अभ्यास का एक उद्देश्य तटीय समुदायों के बीच समुद्री सुरक्षा के बारे में जागरुकता बढ़ाना है। एनसीसी और भारत स्काउट्स और गाइड्स की भागीदारी से मछुआरा समुदायों और तटीय आबादी के उत्साह में वृद्धि होगी।

उन्होंने बताया कि तटीय सुरक्षा अभ्यास अलग-अलग तटीय राज्यों और समुद्री सुरक्षा एजेंसियों के बीच नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं, लेकिन भारतीय नौसेना का अभ्यास ‘सी विजिल’ राष्ट्रीय स्तर की पहल है, जिसमें भारत की समुद्री रक्षा और सुरक्षा क्षमताओं का समग्र मूल्यांकन किया जाता है। इस अभ्यास से सभी समुद्री सुरक्षा एजेंसियों की वर्तमान तैयारियों का आकलन करने, उनकी ताकत और कमजोरियों की पहचान करने और देश के समग्र समुद्री रक्षा ढांचे को बढ़ाने का मौका मिलता है। ‘सी विजिल’ भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के रूप में कार्य करेगा।———————————————————-

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

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