शिमला, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने आज एक प्रेस बयान में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते आंकड़ों पर गहरी चिंता व्यक्त की। शान्ता कुमार ने सरकार से यह सुझाव दिया कि शराब पीकर गाड़ी चलाने और तेज रफ्तार से वाहन चलाने के अपराधों के लिए जुर्माना कम से कम 25,000 रुपये और लाइसेंस को 6 महीने के लिए रद्द किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को आधुनिक यंत्रों का उपयोग करके सड़क पर शराब पीकर और तेज रफ्तार में वाहन चलाने वाले अपराधों का रिकॉर्ड रखना चाहिए और कड़ी सजा का प्रावधान करना चाहिए। उनका मानना है कि इस कानून को लागू करने से दुर्घटनाओं में कमी आएगी और सड़क पर लोगों की जान बचाई जा सकेगी।
शान्ता कुमार ने बुधधार काे एक बयान में कहा कि आज अखबार में पढ़े दो समाचारों ने लाखों लोगों की आंखों में आंसू भर दिए होंगे। पहला समाचार मण्डी जिले के बग्गी स्थान पर हुए बलिदानी राकेश कुमार के अंतिम संस्कार से जुड़ा था। शान्ता कुमार ने शहीद राकेश कुमार की वीरता को सलाम किया और भारत सरकार से आग्रह किया कि कश्मीर में आतंकवाद को समाप्त करने के लिए सेना को सभी प्रकार की छूट दी जाए।
इसके बाद शान्ता कुमार ने दूसरा समाचार साझा किया, जिसमें हिमाचल प्रदेश के लाल सिंगी में दो भाई तेज रफ्तार में बाइक चलाते हुए एक बस से टकरा गए थे, जिससे दोनों की मृत्यु हो गई। उन्होंने इस दुर्घटना को लेकर यह टिप्पणी की कि यदि एक भाई धीमी रफ्तार से चलता तो शायद यह हादसा टल सकता था। शान्ता कुमार ने इस प्रकार की दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका, चीन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में प्रति हजार किलोमीटर पर सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 37 है, जबकि भारत में यह संख्या 250 से अधिक है। शान्ता कुमार ने इस बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण शराब पीकर गाड़ी चलाना और तेज रफ्तार से वाहन चलाना बताया। उनका कहना था कि इन दो कारणों से ही 80 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
शान्ता कुमार ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से विशेष आग्रह किया कि वे इस प्रकार के कानूनों को लागू करने के लिए व्यवस्था परिवर्तन की कोशिश करें ताकि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में सफलता मिल सके और हजारों लोगों की जान बचाई जा सके।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला