जींद, 13 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मौसम में इन दिनाें लगातार बदलाव हाे रहा है। बुधवार को आसमान में धुआं-धुआं सा छाया रहा जिसके चलते ठंड का अहसास भी हुआ। वहीं धुंध छाने से वाहन चालकों व राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि मौसम को देखते हुए बारिश की संभावना भी बढ़ गई है। इस समय बारिश हुई तो किसानों के लिए यह नुकसानदायक होगी। क्योंकि इससे गेहूं बिजाई का कार्य व धान कटाई का कार्य प्रभावित होगा।
जिले में मौसम ने करवट ली है। मंगलवार शाम को धुंध छाई जो बुधवार को भी छाई रही। इसके चलते सुबह नाै बजे से पहले दृश्यता 10 मीटर से भी कम रही। स्माॅग के कारण आंखों में जलन महसूस हुई। हवा में प्रदूषण का स्तर यानि एक्यूआई (वायु गुणवत्णा सूचाकांक) अधिकतम 340 तक पहुंच गया और औसत 256 पर रहा। यह सेहत के लिए खतरनाक माना जा रहा है। हालांकि 13 और 14 नवम्बर को बादल रहने और कुछ जगह हल्की बूंदाबांदी की आशंका है, जिससे गेहूं की बिजाई प्रभावित हो सकती है। यूं तो दीवाली के बाद से ही जिले की आबोहवा प्रदूषित है लेकिन बुधवार को सुबह ही धुंध छा गई। मंगलवार सुबह कुछ समय के लिए छाया कोहरा लेकिन वह इतना अधिक नहीं था। हवा में नमी की मात्रा बढ़ने से शाम को धुंध जैसा माहौल हो गया तथा आसमान में बादल भी छाने लगे। मौसम ऐसा हो गया, जैसे की बारिश होगी। बारिश की संभावना के चलते किसानों को परेशानी हो सकती है। इस समय धान की कटाई तथा गेहूं की बिजाई का काम चल रहा है। यदि माैजूदा समय में बारिश हुई तो धान की कटाई तथा गेहूं की बिजाई का काम प्रभावित हो जाएगा।
पांडू पिंडारा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश ने बताया कि मौसम का मिजाज कुछ बदल गया है। हवा में नमी की मात्रा बढ़ने से बारिश की संभावना बढ़ गई है। यदि बारिश हुई तो वायु प्रदूषण कम हो जाएगा लेकिन इसके विपरीत किसानों को परेशानी होगी।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा