कोलकाता, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल सरकार के ‘तरुणेर स्वप्न’ योजना के तहत छात्रों को दी गई टैब खरीदारी राशि की हेराफेरी मामले में पुलिस ने अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। मंगलवार रात मालदा जिले के वैष्णवनगर क्षेत्र से चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इन आरोपितों के पास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, लैपटॉप, हार्ड ड्राइव और बैंक से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
पिछले कुछ दिनों से पुलिस द्वारा की जा रही जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि साइबर कैफे मालिकों के जरिए छात्रवृत्ति के रूप में मिलने वाली रकम हड़पने का खेल चल रहा था। पूर्व बर्धमान और उत्तर दिनाजपुर जिलों में हुई गिरफ्तारी के बाद पुलिस की जांच और तेज हो गई है, और इस धोखाधड़ी के जाल में और भी लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
मालदा पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए चारों आरोपित – रॉकी शेख, पिंटू शेख, श्रवण सरकार और जमाल शेख – सभी वैष्णवनगर क्षेत्र के रहने वाले हैं। रॉकी और पिंटू का घर चकसेहेरदी गांव में है, जबकि श्रवण और जमाल कृष्णपुर क्षेत्र के निवासी हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग अपने-अपने साइबर कैफे से बैठकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे, जहां छात्रों के बैंक खातों से टैब खरीदने के लिए दी जाने वाली रकम को हेरफेर करके निकाल लिया जा रहा था।
राज्य सरकार के ‘तरुणेर स्वप्न’ परियोजना के तहत 11वीं और 12वीं के छात्रों के बैंक खातों में टैब खरीदने के लिए 10 हजार रुपये की राशि दी जाती है। यह राशि सीधे छात्रों के खातों में जमा होती है, लेकिन कई छात्रों ने शिकायत की थी कि उनके खाते में यह राशि नहीं पहुंची। कुछ मामलों में, पैसे किसी और के खाते में जमा हो गए थे।
पुलिस ने चारों आरोपितों से कई अहम सबूत बरामद किए हैं जिनमें 15 पेन ड्राइव, लैपटॉप, कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव और एक डायरी शामिल है। इन सबूतों से पता चला है कि इस संगठित धोखाधड़ी को साइबर कैफे के माध्यम से अंजाम दिया जा रहा था, और आरोपित लगातार कई खातों में हेरफेर करने में लगे थे। बैंक के दस्तावेजों के आधार पर पुलिस ने दावा किया है कि यह धोखाधड़ी चक्र व्यापक स्तर पर फैला हुआ है और इसके अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
इससे पहले मंगलवार को, पुलिस ने मालदा के ही एक साइबर कैफे मालिक हाशेम अली को गिरफ्तार किया था। उसके साथ ही उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर क्षेत्र से आशारुल हुसैन, सादिक हुसैन और मोबाकर हुसैन को भी गिरफ्तार किया गया था। यह सभी साइबर कैफे संचालक हैं और उन पर आरोप है कि ये लोग मिलकर छात्रों के खातों से रकम निकालने का काम कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि इस मामले में और भी लोग संलिप्त हो सकते हैं और इनकी पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पुलिस अब इस मामले में अन्य संदिग्धों की धरपकड़ के लिए छापेमारी कर रही है और इस संगठित साइबर धोखाधड़ी का पूरा नेटवर्क उजागर करने का प्रयास कर रही है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर