कानपुर,13 नवम्बर (Udaipur Kiran) । सर्दी के मौसम में पशुओं के लिए बरसीम चारा सबसे बेहतर और पौष्टिक चारे का एक उत्तम स्रोत है। इसमें 70 से 75 प्रतिशत पाचन शीलता होती है। हालांकि इसका अधिक सेवन करने से पशुओं को अफरा रोग होने की संभावना रहती है। यह जानकारी बुधवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के डेरी एवं पशुपालन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ पीके उपाध्याय ने दी।
उन्होंने बताया कि बरसीम सर्दी के मौसम में पौष्टिक चारे का एक उत्तम स्त्रोत है। इसमें रेशे की मात्रा कम और प्रोटीन की औसत मात्रा 20 से 22 प्रतिशत होती है । इसमें पाचन शीलता 70 से 75 प्रतिशत होती है। इसके अतिरिक्त इसमें कैल्शियम और फास्फोरस भी काफी मात्रा में पाये जाते है, जिसके कारण दुधारू पशुओं को अलग से खली-दाना आदि देने की आवश्यकता कम पड़ती है।
अधिक खिलाने से अफरा रोग का होने की संभावना
डॉ.उपाध्याय ने बताया कि बताया कि प्रायः यह देखा गया है कि प्रथम कटाई के दौरान कम उपज मिलती है, परन्तु दूसरी और तीसरी कटाई के समय सबसे अधिक उपज मिलती है। किसान भाई से अपील है कि बरसीम उपलब्धता के कारण पशुओं को अधिक न खिलाएं, नहीं तो पशुओं को यह नुकसान कर देगी। बरसीम अधिक खाने से पशुओं में अफारा रोग हो जाता है। इसलिए सूखे चारे के साथ मिलाकर खिलाएँ या पहले सूखा चारा फिर बरसीम खिलाएँ।
बरसीम की बुआई के समय क्या करें सावधानी
उपाध्याय ने बताया कि बरसीम की बुआई के समय ही यदि इसके बीज के साथ जई और गोभी, सरसों के बीज मिलाकर बोया जाय तो इससे न केवल अधिक मात्रा में हरा चारा प्राप्त होगा। बल्कि पशु को अफारा रोग की समस्या से छुटकारा भी मिलेगा और चारे की पौष्टिकता, पाचकता भी बढ़ जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल