Jammu & Kashmir

जीडीसी महिला के छात्रों ने जीएमसी कठुआ के नशा मुक्ति केंद्र का दौरा किया

GDC Women students visited de-addiction center of GMC Kathua

कठुआ 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । मादक द्रव्यों के सेवन के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य सहायता को बढ़ावा देने के अग्रणी प्रयास में सरकारी महिला डिग्री कॉलेज कठुआ के छात्रों ने जीएमसी कठुआ के नशा मुक्ति केंद्र का दौरा किया।

प्रिंसिपल प्रोफेसर सावी बहल के नेतृत्व में जीडीसीडब्ल्यू कठुआ द्वारा समन्वित इस पहल का उद्देश्य छात्रों को व्यसन उपचार विधियों, परामर्श प्रथाओं और सामाजिक सहायता प्रणालियों के महत्व के बारे में जानकारी देकर शिक्षित और सशक्त बनाना है। संकाय सदस्यों के साथ छात्रों को केंद्र में स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के साथ बातचीत करने और मादक द्रव्यों के सेवन से उबरने के चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक पहलुओं के बारे में मूल्यवान ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिला। मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. राजेश चंदेल और डॉ. शवेता भगत सहायक प्रोफेसर जीएमसी कठुआ ने एक आकर्षक और जानकारीपूर्ण सत्र आयोजित किया, जिसमें छात्रों को उपचार प्रोटोकॉल, पुनर्प्राप्ति के दौरान आने वाली चुनौतियों और नशे की लत में मानसिक स्वास्थ्य सहायता की आवश्यक भूमिका के बारे में बताया गया। सत्र ने छात्रों को प्रश्न पूछने और नशीली दवाओं की लत से निपटने के व्यावहारिक पहलुओं के बारे में जानने के लिए एक मंच भी प्रदान किया। ड्रग डी-एडिक्शन सेल की संयोजक डॉ. रेनू गुप्ता ने इस तरह की पहल के महत्व को व्यक्त करते हुए कहा कि युवा दिमाग को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों के बारे में शिक्षित करने के महत्व पर जोर देना महत्वपूर्ण है। वहीं उपस्थित अन्य संकाय सदस्यों में डॉ. सोनिका जसरोटिया, डॉ. अजय सनोत्रा, और डॉ. सुरेखा रानी और प्रोफेसर परमजीत सिंह शामिल थे।

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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया

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