-देश ने पेटेंट, ट्रेडमार्क और औद्योगिक डिजाइन में शीर्ष 10 देशों में बनाई जगह
नई दिल्ली, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । भारत अब पेटेंट, ट्रेडमार्क और औद्योगिक डिजाइन सहित प्रमुख आईपी अधिकारों में वैश्विक स्तर पर शीर्ष 10 देशों में शामिल हो गया है। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) की वैश्विक पेटेंट फाइलिंग रिपोर्ट के अनुसार भारत ने बौद्धिक संपदा (आईपी) फाइलिंग में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे 2023 में पहली बार वैश्विक स्तर पर छठा स्थान हासिल किया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि वर्ष 2018 और 2023 के बीच भारत के पेटेंट और औद्योगिक फाइलिंग में दोगुनी वृद्धि हुई है जबकि ट्रेडमार्क में 60 फीसदी की वृद्धि हुई है। डब्ल्यूआईपीओ रिपोर्ट के अनुसार देश अब 64,480 पेटेंट फाइलिंग के साथ दुनियाभर में छठे स्थान पर है, जो 15.7 फीसदी की वृद्धि है।
रिपोर्ट के अनुसार पहली बार भारत को तीन मुख्य बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों पेटेंट, ट्रेडमार्क और औद्योगिक डिजाइन में वैश्विक स्तर पर शीर्ष 10 देशों में शामिल किया गया है। भारत में पेटेंट फाइल की दर लगातार पांचवें साल दोहरे अंकों में रही है। डब्ल्यूआईपीओ की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में भारत में फाइल पेटेंट की संख्या 64,480 थी। पेटेंट फाइल करने में देश की वृद्धि दर 2022 की तुलना में 15.7 फीसदी रही।
डब्ल्यूआईपीओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में दुनियाभर में 35 लाख से अधिक पेटेंट फाइल किए गए हैं। ये लगातार चौथा साल था, जब वैश्विक पेटेंट फाइल करने में सकारात्मक वृद्धि देखी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में सबसे अधिक पेटेंट 1.64 मिलियन चीन से फाइल किए गए, जिसके बाद बाद संयुक्त राज्य अमेरिका से 5,18,364 पेटेंट और दक्षिण कोरिया से 2,87,954 पेटेंट फाइल हुए। इसके बाद 133,053 पेटेंट जर्मनी और 64,480 पेटेंट भारत से फाइल किए गए हैं।
पेटेंट के लिए एशिया शीर्ष स्थान पर बना हुआ है, जो 2023 में वैश्विक पेटेंट, ट्रेडमार्क और इंडस्ट्रियल डिजाइन फाइल करने की गतिविधि का क्रमशः 68.7 फीसदी, 66.7 फीसदी और 69 फीसदी है।
गौरतलब है कि बौद्धिक संपदा अधिकार किसी व्यक्ति की बुद्धि से की गई क्रिएशन, जो कि प्रकृति में मौजूद नहीं है, उसको परिभाषित करता है। इनमें आविष्कार, साहित्यिक और कलात्मक कार्य, डिजाइन, प्रतीक, नाम और वाणिज्य में उपयोग की जाने वाली छवियां भी शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर