कोलकाता, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त पहल वीर गाथा 2024 का सोमवार को कोलकाता के धन धान्य ऑडिटोरियम में भव्य समापन हुआ। ईस्टर्न कमांड के तहत बंगाल सब एरिया मुख्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी की कहानियों से प्रेरित करना था।
इस कार्यक्रम में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने एकसाथ भाग लेकर देश की सुरक्षा में अपनी एकजुटता और शक्ति का संदेश दिया। बंगाल सब एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, मेजर जनरल राजेश अरुण मोगे, वीएसएम ने मुख्य अतिथि के रूप में इस आयोजन की शोभा बढ़ाई।
इस कार्यक्रम में दो हजार से अधिक स्कूल छात्रों, एनसीसी कैडेटों तथा नागरिक और सैन्य जगत के गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया। इस दौरान उन्नत हथियारों और सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन किया गया, जिससे उपस्थित लोगों को भारतीय सशस्त्र बलों की अत्याधुनिक क्षमताओं की झलक मिली।
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प्रमुख वक्ता थे खास
मुख्य वक्ताओं में बहादुरी का प्रदर्शन करने वाले खास लोग शामिल हुए।
कर्नल महेश कुमार, कीर्ति चक्र, एसएम : ये एक इन्फैंट्री अधिकारी हैं, जिन्होंने 2013 में काउंटर-टेरर ऑपरेशनों में अपनी नेतृत्व क्षमता के चलते कीर्ति चक्र प्राप्त किया। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए।
कर्नल मिताली मधुमिता, एसएम (गैलेंट्री) : सेना मेडल (गैलेंट्री) प्राप्त करने वाली पहली महिला अधिकारी, उन्होंने 2010 में काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान की अपनी बहादुरी की कहानी सुनाई।
लेफ्टिनेंट कर्नल अनिला खत्री : भारतीय सेना के एयर डिफेंस रेजिमेंट की पहली महिला पैराट्रूपर, जिन्होंने लद्दाख में ऑल-विमेन मोटरबाइक रैली का नेतृत्व करते हुए अपनी सीमाएं तोड़ी। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए।
सूबेदार सोलायराज धर्मराजन, वीएसएम : सियाचिन ग्लेशियर से लेकर एशियन पैरा गेम्स में पदक जीतने तक का सफर तय करने वाले इस सैनिक-से-खिलाड़ी ने अपनी प्रेरणादायक यात्रा को साझा किया।
लेफ्टिनेंट कमांडर मृत्युंजय कुमार, शौर्य चक्र : नौसेना के अधिकारी, जिन्होंने 2022 में कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए।
विंग कमांडर विशाल लाखेश, वायु सेना मेडल (गैलेंट्री) : दो हजार से अधिक छलांगों का अनुभव रखने वाले वायुसेना के टेस्ट पैराशूट जंपर और स्काईडाइविंग विशेषज्ञ हैं। उन्होंने अपने महत्वपूर्ण मिशनों में अपनी उत्कृष्टता के अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम का समापन एक जीवंत सवाल-जवाब सत्र के साथ हुआ, जिसमें दर्शकों ने सीधे वक्ताओं से बातचीत कर सशस्त्र बलों के जीवन की चुनौतियों और सफलताओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।
वीर गाथा 2024 ने देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करने और नई पीढ़ी को प्रेरित करने के अपने उद्देश्य को सफलतापूर्वक हासिल किया है। इस आयोजन ने भारतीय सशस्त्र बलों की दृढ़ निष्ठा और देश के प्रति उनके अडिग समर्पण को रेखांकित किया।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर