नई दिल्ली, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में सोमवार को 1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ अभियोजन पक्ष के एक और गवाह इंस्पेक्टर सतीश कुमार ने अपना बयान दर्ज कराया। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सतीश कुमार का क्रॉस-एग्जामिनेशन के लिए 25 नवंबर की तिथि नियत करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से पेश वकील ने इंस्पेक्टर सतीश कुमार का बयान दर्ज करने के लिए समय देने की मांग की। उन्होंने कहा कि 23 जून 2022 के अनुमति संबंधी आदेश को ढूंढने के लिए समय चाहिए। उसके बाद कोर्ट ने बयान दर्ज करने के लिए दोपहर बाद का समय दिया। दोपहर बाद भी सतीश कुमार ने बताया कि अनुमति संबंधी आदेश को ढूंढा नहीं जा सका है। उसके बाद कोर्ट ने सतीश कुमार के बयान दर्ज कराकर क्रॉस-एग्जामिनेशन 25 नवंबर को कराने का आदेश दिया।
इससे पहले 18 अक्टूबर को कोर्ट ने सीबीआई को और गवाहों के बयान दर्ज कराने की अनुमति दी थी। 7 अक्टूबर को एक गवाह का बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दर्ज किया गया था। इसके पहले 27 अगस्त को दो गवाहों कंवलजीत कौर और डॉ. सतबीर बेदी के बयान दर्ज किए थे। 19 जुलाई को गवाह तेजेंद्र सिंह के बयान दर्ज किए गए थे। इसके पहले 11 जनवरी को गवाह हरजीत कौर के बयान दर्ज किए गए थे। 7 दिसंबर 2023 को दो गवाहों तिलक राज नरुला और इंद्रजीत सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए थे। 9 नवंबर 2023 को गवाह मंजीत कौर ने अपने बयान दर्ज कराए। अपने बयान में मंजीत कौर ने कहा कि मैंने भीड़ के लोगों से सुना था कि सज्जन कुमार भीड़ में शामिल थे, लेकिन सज्जन कुमार को आंखों से नहीं देखा था। कोर्ट ने 12 अक्टूबर 2023 को दो गवाहों के बयान दर्ज किए थे। 21 सितंबर 2023 को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या के आरोपित से जुड़े गैरजरूरी दस्तावेज और गवाहों के बयान को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने 23 अगस्त, 2023 को सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 153A, 295, 149, 307,308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। हालांकि, कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ लगाई गई हत्या की धारा 302 को हटाने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि सज्जन कुमार इस केस में हिरासत में नहीं, बल्कि जमानत पर है।
यह मामला जनकपुरी का है, जिसमें 1984 में सिख दंगा के दौरान सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह को 1 नवंबर, 1984 को हत्या हुई थी, जबकि विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरुचरण सिंह को जिन्दा जला दिया गया था। इन दोनों मामलों में 2015 में एसआईटी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इसके लिए मई, 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ भी किया जा चुका है।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह