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आरजी कर अस्पताल कांड : बेटी की दुष्कर्म-हत्या मामले में पहले गवाह बने पिता, सीबीआई की गाड़ी से घर से निकले; मां की गवाही होगी अगले दिन

आर.जी. कर अस्पताल

कोलकाता, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । आर.जी. कर अस्पताल में महिला चिकित्सक की दुष्कर्म और हत्या के मामले में न्यायिक प्रक्रिया सियालदह अदालत में सोमवार को शुरू हो गई है। इस मामले में पीड़िता के माता-पिता को पहले दो गवाहों के रूप में अदालत में बयान दर्ज कराना है। कुल 128 गवाहों में जूनियर डॉक्टर, कोलकाता पुलिस और फॉरेंसिक अधिकारी भी शामिल हैं, जिनका बयान अलग-अलग चरणों में दर्ज किया जाएगा। लेकिन सबसे पहले पीड़िता के माता-पिता की गवाही ली जाएगी।

दोपहर 12 बजे सीबीआई के एक अधिकारी पीड़िता के घर पहुंचे, जहां से सीबीआई की गाड़ी में पिता को एजेंसी के दफ्तर और फिर अदालत ले जाया गया। पिता ने कहा, “सीबीआई के दफ्तर जा रहा हूं।” उनकी गवाही के बाद मां का बयान दर्ज किया जाएगा।

आर.जी. कर दुष्कर्म और हत्या मामले की सुनवाई सोमवार से रोजाना होगी। इस मामले में कोलकाता पुलिस ने शुरू में एक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया था। सीबीआई द्वारा दायर की गई चार्जशीट में उसी व्यक्ति का नाम आरोपित के रूप में है। पिछले सोमवार को सियालदह अदालत में आरोपित के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी और अब सोमवार से इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया शुरू हो रही है।

नौ अगस्त को आर.जी. कर अस्पताल के इमरजेंसी सेक्शन की चौथी मंजिल के एक सेमिनार कक्ष में पीड़िता का शव पाया गया था। प्रारंभिक जांच कोलकाता पुलिस कर रही थी, जिसने पुलिस फोर्थ बटालियन के बैरक से आरोपित सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया था। बाद में हाई कोर्ट के निर्देश पर जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने सात अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल की, जो घटना के 58 दिन बाद सियालदह अदालत में जमा की गई। इसमें आरोपित के रूप में केवल सिविक वॉलंटियर का नाम था।

घटना के 87 दिन और चार्जशीट जमा होने के 28 दिन बाद, पिछले सोमवार को अदालत ने इस मामले में चार्ज तय किया। अदालत ने घोषणा की कि 11 नवंबर से मामले की न्यायिक प्रक्रिया शुरू होगी और रोजाना सुनवाई होगी।

मामले के सुनवाई शुरू होने से पहले ही विवाद भी जारी है। पिछले सोमवार चार्ज तय होने के बाद आरोपित सिविक वॉलंटियर ने जेल वाहन से चिल्लाकर खुद को निर्दोष बताते हुए सरकार पर फंसाने का आरोप लगाया। उसने दावा किया कि मैं चुपचाप था, लेकिन मैंने न तो बलात्कार और न ही हत्या की है। सरकार मुझे फंसा रही है। असली आरोपितों को बचाने के लिए मुझे फंसाया जा रहा है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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