Uttar Pradesh

किसानोंको लहसुन की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी (फाइल फोटो)

-एकीकृत

बागवानी विकास मिशन के तहत बनाई गई विशेष योजना,10,000 हेक्टेयर

अतिरिक्त क्षेत्र में लहसुन की खेती का लक्ष्य

लखनऊ,10 नवम्बर (Udaipur Kiran) । प्रदेश में लहसुन की

खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत विशेष

योजना बनाई है। यह मिशन भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इसे प्रदेश के 45 जनपदों में लागू किया जा रहा है। यह

जनपद सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, बरेली, मुरादाबाद, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, हाथरस, कानपुर, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, सुल्तानपुर, प्रयागराज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलिया, कुशीनगर, महराजगंज, बांदा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, महोबा, ललितपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, गोरखपुर, झांसी, अयोध्या एवं फर्रूखाबाद हैं। इस मिशन

के अंतर्गत केन्द्रांश 60 प्रतिशत

तथा राज्यांश 40 प्रतिशत

निर्धारित किया गया है।

370 से 390 रुपये प्रति किग्रा. रखी गई लहसुन के

बीज की कीमत

योजना के

तहत प्रदेश में उद्यान विभाग द्वारा प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपये की अनुमन्य इकाई लागत तय की

गई है। इसमें किसानों को प्रति हेक्टेयर 40 प्रतिशत (अधिकतम 12 हजार रुपये) अनुदान दिया जाएगा। यह

अनुदान प्रति किसान न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर से अधिकतम 4.0 हेक्टेयर तक की भूमि पर उपलब्ध होगा। लहसुन का बीज राष्ट्रीय बागवानी

अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, नई दिल्ली द्वारा किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। बीज की कीमत 370 से 390 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच रखी गई

है।

10 हजार

हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में लहसुन की खेती का लक्ष्य

किसान इस योजना का लाभ प्रथम आवक-प्रथम पावक के आधार

पर प्राप्त कर सकते हैं। इच्छुक किसानों को अपने जनपद के जिला उद्यान अधिकारी

कार्यालय में संपर्क करना होगा। इसके साथ ही, किसान योजना में पंजीकरण करने के लिए विभाग की

आधिकारिक वेबसाइट http://dbt.uphorticulture.in पर भी ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। लहसुन की बढ़ती

मांग और उसकी गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने मसाला क्षेत्र विस्तार

कार्यक्रम के तहत 10 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त

क्षेत्र में लहसुन की खेती का लक्ष्य रखा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना के प्रस्ताव को कृषि एवं किसान

कल्याण मंत्रालय, उद्यान अनुभाग, भारत सरकार को भेजा था, जिस पर केंद्र सरकार ने अनुमति प्रदान की है।

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(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला

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