दूसरे दिन सर्वसम्मति से पांच प्रस्ताव पास
कैथल, 9 नवंबर (Udaipur Kiran) । कैथल में चल रहे हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के त्रिवार्षिक सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को स्कूलों व शिक्षा को बचाने के लिए एक बड़ा व स्थाई आंदोलन करने की जरूरत पर जोर दिया गया। सम्मेलन में शनिवार को सर्वसम्मति से पांच प्रस्ताव पास किए गए। महिला मुद्दों पर के. ए. आर. सिंधू राष्ट्रीय सचिव सीआईटीयू ने विचार व्यक्त किए।
राष्ट्रीय पाठयचर्या 2023 पर परिचर्चा अनिता रामपाल पूर्व डीन फैकल्टी एज्युकेशन दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली ने चर्चा करते हुए कहा कि आज के दौर को आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में नव उदारीकरण का दौर कहा जाता है। लेकिन नवउदारवादी और वैश्वीकरण की नितियों के कारण सबसे पहले बच्चों और उनके माता-पिता पर कुप्रभाव पड़ेगा, जिसकी वजह से उन्हें शिक्षा से वंचित होना पडेगा। रोजगार के अवसर बन्द होंगे, कच्चे कर्मचारियों की फोज तैयार होगी। कम वेतन पर कर्मचारी काम करने पर मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि स्कूलों व शिक्षा को बचाने के लिए एक बड़े व स्थाई आन्दोलन करने की जरूरत है। सत्र की शुरुआत महासचिव व वित्त सचिव रिपोर्टों पर जिलावार चर्चा हुई। जिसकी अध्यक्षता राज्य प्रधान धर्मेन्द्र ढांडा ने व संचालन महासचिव प्रभु सिंह और उप महासचिव कृष्ण नैन ने किया। इसके बाद महिला मुद्दों पर विशेष सत्र चला। महिला सत्र की अध्यक्षता अल्का सिवाच, मुकेश कुमारी, निशा, सुशीला ने सयुक्त रूप से की और संचालन निर्मला आर्य ने किया।
लंच के बाद पुरानी पेंशन बहाली, अतिथि अध्यापकों को पक्का करने, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने, बच्चियों व महिलाओं के सुरक्षित वातावरण मुहैया करवाने और स्कूली बच्चों को समय पर प्रोत्साहन राशि देने बारे 5 प्रस्ताव राज्य कमेटी सदस्यों द्वारा सदन में पेश किए गए, जिन्हें सदन ने सर्वसम्मति से पास कर दिया। इस अवसर पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के 500 से ज्यादा डेलीगेट और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा, रिटायर्ड कर्मचारी संघ व सीटू के संगठनों से काफी तादाद में कर्मचारी और परियोजना कर्मी मौजूद रही।
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(Udaipur Kiran) / नरेश कुमार भारद्वाज